US-China War on Tariff: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ता जा रहा है. दोनों देश एक-दूसरे पर टैरिफ की बरसात कर रहे हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 125% टैरिफ लगाकर चीन पर हमला बोला था. कल ही चीन ने अमेरिका पर 84% टैरिफ लगाया है.

दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध में भारत के पास बादशाह बनने का मौका है. इसके लिए भारत को कई क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाना होगा और अपनी कुछ रणनीतियों में बदलाव करना होगा.

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चीन ने की छूट की पेशकश (US-China War on Tariff)

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के चलते चीनी निर्माताओं को मिलने वाले ऑर्डर काफी कम हो गए हैं. अमेरिकी दबाव को भांपते हुए चीनी कंपनियों ने अब इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के लिए भारत को छूट की पेशकश की है.

अमेरिका ने चीन पर 125% तक का टैरिफ लगाया है, जिससे चीनी निर्माताओं के ऑर्डर और कम हो सकते हैं. इस स्थिति का फायदा उठाकर भारतीय कंपनियां अब चीनी आपूर्तिकर्ताओं के साथ नए सौदे कर सकती हैं.

कितनी छूट का प्रस्ताव रखा गया (US-China War on Tariff)

चीनी कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की कीमतों में 5% तक की कटौती का प्रस्ताव रखा है, जिसे बड़ी रियायत के तौर पर देखा जा रहा है. इससे भारतीय निर्माताओं को 2-3% की बचत हो सकती है.

इससे भारतीय कंपनियों की लागत भी कम हो सकती है. भारत में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स का औसतन तीन-चौथाई हिस्सा चीन से आयात किया जाता है.

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अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारत को क्या फायदा हो सकता है? (US-China War on Tariff)

  • कई अमेरिकी कंपनियां भी चीनी आपूर्तिकर्ताओं के विकल्प तलाश रही हैं. ऐसे में भारत इस मौके का फायदा उठाकर ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ा सकता है. हालांकि, इसके लिए भारत को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी.
  • भारत अपने बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार करके विदेशी निवेश आकर्षित कर सकता है. वोक्सवैगन जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखला चीन से बाहर ले जा रही हैं. भारत उनके लिए बड़ा बाजार हो सकता है. यहां बड़ी घरेलू मांग और सस्ता श्रम ऐसी कंपनियों को लुभा सकता है.
  • चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाया है, जिससे आयात के लिए नए स्रोतों की आवश्यकता होगी. भारत चीन को कृषि उत्पाद, रसायन आदि निर्यात करके लाभ उठा सकता है. हाल ही में चीन ने भारत से रेपसीड मिल और गैर-बासमती चावल पर प्रतिबंध हटा दिया है.
  • चीनी कंपनियां भारत को इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स पर छूट दे रही हैं. इससे भारतीय निर्माताओं को सस्ती दरों पर कच्चा माल मिल सकता है, जिससे उत्पादन की कीमतें कम होने से भारतीय उपभोक्ताओं को भी राहत मिल सकती है.
  • भारत विनिर्माण को बढ़ावा देकर, आयात पर निर्भरता कम करके और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में तेजी से कदम उठाकर इस अवसर का लाभ उठा सकता है.

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