इस्लामाबाद। संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में गड़बड़ी के दावों की निष्पक्ष जांच के पक्ष में मतदान किया. जिसमें दक्षिण एशियाई देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

अमेरिकी सदन ने “पाकिस्तान के फरवरी 2024 के चुनाव में हस्तक्षेप या अनियमितताओं के दावों की पूर्ण और स्वतंत्र जांच” के लिए बुलाए गए प्रस्ताव पर 368-7 से मतदान किया. सदन के प्रस्ताव 901 में कहा गया था कि यह पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए समर्थन व्यक्त करता है.

इसमें पाकिस्तान के लोगों की लोकतंत्र में भागीदारी को दबाने के प्रयासों की निंदा की, जिसमें उत्पीड़न, धमकी, हिंसा, मनमाने ढंग से हिरासत में लेना, इंटरनेट और दूरसंचार तक पहुंच पर प्रतिबंध या उनके मानवीय, नागरिक या राजनीतिक अधिकारों का कोई भी उल्लंघन शामिल है.

प्रस्ताव में सरकार से लोकतांत्रिक और चुनावी संस्थानों, मानवाधिकारों और कानून के शासन को बनाए रखने का आग्रह किया, और उसे पाकिस्तान के लोगों की उचित प्रक्रिया, प्रेस की स्वतंत्रता, सभा की स्वतंत्रता और भाषण की मौलिक गारंटी का सम्मान करने के लिए कहा. इसके साथ ही पाकिस्तान की राजनीतिक, चुनावी या न्यायिक प्रक्रियाओं को बाधित करने के किसी भी प्रयास की भी निंदा की.

दरअसल, पाकिस्तान के आम चुनावों में चुनाव के दिन राष्ट्रव्यापी मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया था, इसके बाद गिरफ्तारी और हिंसा हुई और असामान्य रूप से देरी से नतीजे आए, जिसके कारण आरोप लगे कि मतदान में धांधली हुई थी.

इस मुद्दे को सबसे जोरदार तरीके से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने उठाया था, जिसके नेताओं को चुनाव प्राधिकरण द्वारा दोषपूर्ण माने गए अंतर-पार्टी चुनाव पर कानूनी लड़ाई के बाद अपने चुनाव चिन्ह, क्रिकेट बैट से वंचित होने के बाद स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

खान समेत पीटीआई के अधिकांश नेतृत्व को देश में चुनाव के दौरान कई कानूनी आरोपों में जेल जाना पड़ा, हालांकि इसके द्वारा समर्थित उम्मीदवार नेशनल असेंबली में सबसे बड़े समूह के रूप में उभरे.