नई दिल्ली। एक नए घटनाक्रम में अमेरिका ने बताया कि इस सप्ताह उसने भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर पेट्रोलिंग की है. उसने इसे नेविगेशन के अधिकार और स्वतंत्रता के तहत इसे संपन्न करना बताया है.
अमेरिकी नौसेना दक्षिण चीन सागर में इस तरह की पेट्रोलिंग कर चीन के समुद्री सीमा पर दावे को चुनौती देती रही है. लेकिन भारतीय समुद्री सीमा के भीतर इस तरह की पेट्रोलिंग को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किए जाने की घटना ने रक्षा जानकारों को हैरान किया है. अमेरिकी नौसेना के चर्चित सातवें बेड़े ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि लक्षद्वीप के समीप उसने यह पेट्रोलिंग की है. बता दें कि यह वही सातवा बेड़ा है, जिसकी बांग्लादेश के युद्ध में सन् 1971 में पाकिस्तान की मदद के लिए बंगाल की खाड़ी में अमेरिका ने तैनाती की थी.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारत अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र अथवा महाद्वीपीय जलमग्न सीमा के भीतर किसी भी तरह के सैनिक अभ्यास अथवा हलचल के लिए पूर्व अनुमति की बात कहता है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विपरित है. यह नाविकीय संचालन की स्वतंत्रता (freedom of navigation operation) भारत के अतिशेष सामुद्रिक दावे को चुनौती देते हुए अधिकार, स्वतंत्रता और कानूनन समुद्र के इस्तेमाल के अंतरराष्ट्रीय कानून को बरकरार रखता है.
बयान में बताया गया कि एक Arleigh Burke श्रेणी के गाइडेड मिसाइस डिस्ट्रायर यूएसएस जॉन पॉल जोन्स ने लक्षद्वीप के 130 नॉटिकल माइल पश्चिम में पेट्रोलिंग की है. अमेरिका के सातवें बेड़े के इस बयान के बाद भारत की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन अमेरिकी बेड़े के बयान में स्पष्ट किया गया है कि इस अभियान के जरिए वह कोई राजनीतिक संदेश नहीं देना चाहती, लेकिन इस तरह से नाविकीय संचालन की स्वतंत्रता का पहले भी हम इस्तेमाल करते रहे हैं, और आगे भी करते रहेंगे.