26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. अमेरिका (United States) के सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. राणा की यह आखिरी याचिका थी. तहव्वुर राणा (Tahawwur Hussain Rana) का प्रत्यर्पण से बचने का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है. प्रत्यर्पण से बचने राणा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है.

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राणा ने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट न्यायाधीश और नौवें सर्किट की सर्किट न्यायाधीश एलेना कागन के समक्ष ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आपातकालीन आवेदन’ प्रस्तुत किया था, जिसे  पिछले महीने की शुरुआत में कागन ने आवेदन अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद राणा ने अपने इस आवेदन को नवीनीकृत किया और अनुरोध किया कि नवीनीकृत आवेदन प्रधान न्यायाधीश रॉबर्ट्स को भेजा जाए.

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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में तहव्वुर राणा ने कहा था, मुझे अगर भारत प्रत्यर्पित किया गया तो मुझे प्रताड़ित किया जा सकता है. मैं भारत में नहीं रह पाऊंगा. मैं पाकिस्तानी मूल का हूं. मैं मुसलमान हूं. मुझे भारत में और अधिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है.

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आरोपी राणा ने आगे कहा कि, भारत सरकार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही है. इसलिए यह निश्चित है कि मेरे प्रत्यर्पण के बाद मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मुझे कई बीमारियां हैं. इसमें पार्किंसन जैसी बीमारी है. इसलिए मुझे ऐसी जगह नहीं भेजा जाना चाहिए जहां मुझे दिक्कतों का समस्याओं का सामना करना पड़े.

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