US Tariff Impact on Indian Corporates: अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी ने भारत के दिग्गज कारोबारी घरानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, अडाणी ग्रुप, आर्सेलर मित्तल और बिड़ला ग्रुप जैसी कंपनियों पर 50% तक ऊंचे टैरिफ का सीधा असर पड़ सकता है. यह दबाव न केवल उनके मुनाफे को कम कर सकता है बल्कि ग्लोबल स्ट्रैटजी को भी बदलने पर मजबूर कर रहा है.

कई कंपनियां अब ऐसे देशों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर विचार कर रही हैं जहां टैरिफ अपेक्षाकृत कम हैं. कुछ कंपनियां पहले से मौजूद विदेशी सहायक इकाइयों के जरिए अपने उत्पाद अमेरिका भेजने की रणनीति अपना रही हैं. वहीं, व्हाइट हाउस के बिजनेस एडवाइजर पीटर नवारो ने हाल ही में भारत के बड़े कारोबारी परिवारों पर रूस से सस्ते कच्चे तेल आयात कर भारी मुनाफा कमाने का आरोप भी लगाया था.

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US Tariff Impact on Indian Corporates
US Tariff Impact on Indian Corporates

रिलायंस इंडस्ट्रीज : मुकेश अंबानी (US Tariff Impact on Indian Corporates)

रिलायंस ने इस साल की पहली छमाही में रूस से 14.2 करोड़ बैरल तेल खरीदा और करीब 5,000 करोड़ की लागत बचाई. कंपनी का 6 लाख करोड़ का O2C बिजनेस है, जिसमें से 45% कमाई निर्यात से होती है. अमेरिका में इसका एनर्जी और गैसोलीन कारोबार पहले से मौजूद है, लेकिन टैरिफ का सीधा असर मुनाफे पर पड़ सकता है.

भारत फोर्ज : बाबा कल्याणी

भारत फोर्ज ने बीते साल अमेरिका को करीब 1,700 करोड़ रुपए का सामान एक्सपोर्ट किया, जो कंपनी की कुल कमाई का लगभग 10% है. मौजूदा टैरिफ संकट को देखते हुए कंपनी इस वित्तीय वर्ष में अमेरिकी निर्यात को लेकर सतर्क रुख अपना रही है.

आयशर मोटर्स : विक्रम लाल (US Tariff Impact on Indian Corporates)

रॉयल एनफील्ड का अमेरिकी मिड-साइज बाइक मार्केट में 8% हिस्सा है. मार्च में कंपनी ने वहां 9,000 बाइक्स भेजीं. अब टैरिफ से बचने के लिए आयशर अपने स्टॉक को अमेरिका के पड़ोसी देशों के गोदामों में शिफ्ट करने पर विचार कर रही है.

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आर्सेलर मित्तल : लक्ष्मी मित्तल (US Tariff Impact on Indian Corporates)

2024 में आर्सेलर ने अमेरिका को करीब 60 हजार करोड़ का स्टील निर्यात किया. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि टैरिफ बढ़ने से कंपनी के मुनाफे में 15 करोड़ डॉलर तक की कमी आ सकती है. कंपनी अब अमेरिका के भीतर अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को और बढ़ाने में निवेश कर रही है.

बिड़ला ग्रुप : कुमार मंगलम बिड़ला

आदित्य बिड़ला समूह टेक्सटाइल और यार्न के बड़े निर्माता व निर्यातक हैं. 60 से अधिक देशों में फैला कारोबार और अमेरिका में 1,500 करोड़ डॉलर का निवेश इन्हें टैरिफ के असर से सीधे जोड़ता है. ग्रुप अमेरिका में अधिग्रहण और मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर जोर दे रहा है.

अडाणी ग्रुप : गौतम अडाणी (US Tariff Impact on Indian Corporates)

अडाणी पोर्ट्स 15 पोर्ट्स और टर्मिनलों के साथ देश का सबसे बड़ा पोर्ट ऑपरेटर है और इसका 27% मार्केट शेयर है. विदेशी व्यापार प्रभावित हुआ तो इसका बड़ा असर यहां दिख सकता है. इसके अलावा, अडाणी ग्रुप के सोलर मॉड्यूल का बड़ा हिस्सा अमेरिका को जाता है, जिस पर टैरिफ की मार पड़ना तय है.

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