Hate Crimes Increased Against Indians In Trump Second Term: ट्रंप 2.0 कार्यकाल में भारतवंशियों के खिलाफ हेट क्राइम भारी बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारतवंशियों के खिलाफ हेट क्राइम में 91% बढ़ोतरी हुई है। साथ ही मंदिरों पर हमले भी बढ़े है। इसके अलावे H-1B वीजा पर धमकियां भी मिल रहीं है। वहीं बाइडेन कार्यकाल में दक्षिण एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ ऑनलाइन नफरत व हिंसा सीमित रही थी।

बाइडेन कार्यकाल में अक्टूबर 2024 तक 46,000 ट्रोलिंग और 884 धमकियां दर्ज हुईं। लेकिन ट्रम्प के लौटते ही हालात बिगड़ गए। अक्टूबर 2025 तक ट्रोलिंग बढ़कर 88,000 तक पहुंची, यानी इसमें 91% की वृद्धि दर्ज की गई।

दिसंबर में वीजा और माइग्रेंट मामले में ट्रम्प-मस्क-रामास्वामी बहस के बाद 76% धमकियां ‘नौकरियां छीनने’ से जुड़ी रहीं। ट्रम्प सरकार के H-1B वीजा फीस बढ़ाने और 104 भारतीयों को डिपोर्ट करने के फैसले ने माहौल भड़काया। इससे टेक्सास, वर्जीनिया व कैलिफोर्निया में गोलीबारी और मंदिर पर हमलों के मामले में उछाल आया। थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ऑर्गनाइज्ड हेट’ के अनुसार बीते कुछ महीनों में नस्लभेदी पोस्ट्स में भी तेजी आई है।

भारतीय समुदाय के खिलाफ क्राइम की एक श्रृंखला चल रही

नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 के बीच अमेरिका के शहरों में भारतीय समुदाय को निशाना बनाते हुए हिंसक वारदातों की एक शृंखला सामने आई। फरवरी 2025 में वर्जीनिया में एक भारतीय-अमेरिकी कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मार्च 2025 में एक किराना स्टोर पर हुए हमले में पिता-पुत्री की जान चली गई। सितंबर 2025 में टेक्सास के डलास में दो छात्रों और श्रमिकों की हत्या कर दी गई। इसी महीने चंद्रमौली नागमल्लैया की सिर काटकर हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया।

जबकि अक्टूबर 2025 में पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में एक मोटेल पर गोलीबारी में भारतीय मूल के मालिक और कर्मचारियों को निशाना बनाया गया। वहीं ओहायो, इलिनॉय और इंडियाना राज्यों में छात्रों से हेट क्राइम के मामले सामने आए।

भारतीयों को देश से निकालो जैसे नारे बढ़ें

रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ते नस्लभेद का यह ट्रेंड सिर्फ भारतीयों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहा है। इसमें धर्म, नागरिकता या जातीय पहचान का कोई फर्क नहीं किया जा रहा। रिपोर्ट में इसके चार प्रमुख कारण बताए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों के खिलाफ जो वैश्विक नाराजगी बढ़ी है, वह इस नस्लभेदी ट्रेंड का पहला बड़ा कारण है। यह भावना दुनियाभर में उभर रही दक्षिणपंथी राजनीति का अहम हिस्सा बन चुकी है।

ट्रम्प की नीतियों से भारतीयों पर नस्लभेदी पोस्ट बढ़े

H-1B पर अमेरिकी हैं गुस्सा अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर गुस्सा भी इस ट्रेंड को बढ़ा रहा है। दक्षिणपंथी समूहों का आरोप है कि भारतीय ‘कम योग्य’ होते हुए भी अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां छीन रहे हैं। इससे सोशल मीडिया पर ‘भारतीयों को देश से निकालो’ जैसे नारों में इजाफा हुआ।

श्वेत वर्चस्ववाद अपने चरम पर

भारतीयों के खिलाफ नस्लभेद एशियाई समुदायों के खिलाफ व्यापक भेदभाव का हिस्सा है। ट्रम्प की जीत के बाद श्वेत वर्चस्ववादी गतिविधियां चरम पर पहुंच जाती हैं। जबकि, चुनावी दौर में हेट क्राइम में करीब 80% की बढ़ोतरी देखी जाती है।

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