रायपुर। रायपुर के वरिष्ठ चिकित्सक एवं आईएमए छत्तीसगढ़ के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ महेश सिन्हा ने कोरोना जांच के लिए लोगों द्वारा स्वयं सी टी स्कैन जांच कराए जाने पर चिंता जाहिर की है। उनका मानना है कि वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों तथा भारत सरकार के आई सी एम आर द्वारा रैपिड एन्टीजन किट, आर टी पी सी आर टेस्ट एवं टू स्टेप ट्रू-नाट विधि से कोविड-19 के मरीजों का जांच किया जाना निर्धारित किया गया है जो कि विश्वसनीय है।

छत्तीसगढ़ शासन ने भी इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये हैं जिनका सबको पालन करना चाहिए। सी टी स्कैन कोरोना की जांच का विश्वसनीय तरीका नहीं है। यह फेफड़ों की अन्य गंभीर बीमारियों में भी उसी तरह की छवि दिखाई देती है जैसे कि अन्य तरह के निमोनिया, एच१एन१ इत्यादि। इसके उलट इसके रेडिएशन से मरीजों को अनावश्यक दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह के इसका उपयोग करना उचित नहीं है।

किसी व्यक्ति को अगर कोरोना के लक्षण हैं और उनका प्रथम टेस्ट निगेटिव आया है तो चिकित्सक की सलाह से आगे बढ़ना चाहिए, तीन दिन बाद फिर से टेस्ट करवाया जा सकता है। उनका मानना है कि आज के इस दौर मे आम जनता सबसे अधिक विश्वास चिकित्सक पर कर रही है तब हमें आम जनता को कोरोना के निर्धारित टेस्ट कराने की ही सलाह देनी चाहिए।