वर्तमान समय में पढ़ाई के लिए एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करना हो या फिर नौकरी पानी हो, उसके लिए जी तोड़ मेहनत (Hard work) करनी पड़ती है. ऐसे में दिन रात पढ़ाई करनी पड़ती है. कई बार पढ़ाई का प्रेशर (pressure) इतना ज्यादा होता है कि लोग देर तक जागकर पढ़ने के लिए कई तरह के उपाय आजमाने लगते हैं. ऐसे में अब कुछ लोग देर तक जागने व पढ़ाई करने के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल करने लगे हैं. बता दें कि ये दवाएं व्यक्ति के लिए फायदेमंद की जगह नुकसानदायक साबित होने लगती है. इनके सेवन के चलते शरीर में और भी कई तरह की दिक्कतें पैदा होने लगती हैं.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कुछ बच्चों का कहना था कि हम जब भी पढ़ाई करने के लिए बैठते हैं, तो हमें नींद या सुस्ती जैसी दिक्कत सताने लगती है. ऐसे में उन्होंने नींद को दूर भगाने के लिए इस तरह की दवाओं का सेवन किया. कई बार छात्र पढ़ाई में कॉन्संट्रेशन लेवल बढ़ाने के लिए इन दवाओं का सेवन करना शुरु कर देते हैं. ऐसे में कुछ लोगों को तो दवा के पहली ही डोज में परेशानी का एहसास होने लगता है और कुछ लोगों को कुछ समय बाद कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार इन दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण पूरे शरीर या शरीर के अंगों में कंपनी की समस्या नजर आने लगती है.

मनोचिकित्सकों की मानें, तो देर तक जागकर पढ़ाई करने के लिए या फिर कॉन्संट्रेशन लेवल बढ़ाने के लिए बच्चों को इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वरना कई बार इन दवाओं के भयंकर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं. कई बार ये शुरुआत में इनका अंदाजा नहीं लग पाता है, लेकिन कुछ वक्त बाद समस्याएं अचानक से बढ़ जाती है. इससे अच्छा है कि प्रॉपर एक टाइम टेबल तैयार कर के पढ़ाई करें, इससे आपकी पढ़ाई भी अच्छी तरीके से हो सकेगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

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