लखनऊ। दुनिया में बढ़ते जल संकट और लगातार घट रहे भू-जल स्तर के बीच योगी सरकार प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है। राज्य सरकार ने अटल भू-जल योजना को विस्तार देते हुए प्रदेश भर में लागू कर दिया है। सरकार यूपी के 65 जिलों में अपने दम पर अटल भू-जल योजना को संचालित करेगी।
प्रदेश में भू जल स्तर में सुधार करने के साथ ही सरकार किसानों को योजना के जरिये सबसे बड़ा फायदा देने जा रही है। किसानों को अब कम खर्च में फसलों की अधिक पैदावार मिल सकेगी। राज्य सरकार किसानों को कम जल खपत वाले बीजों का वितरण और ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का प्रशिक्षण दे कर खेती में उनकी लागत कम कर मुनाफा बढ़ाएगी।
मौजूदा आंकड़े भविष्य के लिए चेतावनी
नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में 70 फीसदी सिंचाई भू जल पर निर्भर है, जबकि पेयजल की 80 फीसदी और औद्योगिक क्षेत्र की 85 फीसदी निर्भरता भू जल पर है। जिसके कारण भू जल स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। भू-जल संसाधन के वर्ष 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा समय में प्रदेश के 82 विकास खंड अतिदोहित, 47 विकास खंड क्रिटिकल और 151 विकास खंड सेमीक्रिटिकल दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2000 में अतिदोहित व क्रिटिकल विकास खंडों की संख्या केवल 20 थी, जिसमें अब तक करीब 7 गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है। वर्ष 2000 तक भू-जल उपलब्धता के आधार पर सुरक्षित विकास खंडों की संख्या 745 थी, जो 2017 में 540 हो चुकी है। वर्ष 2017 में भू जल संसाधन आकलन में पहली बार शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया। इनमें राजधानी लखनऊ समेत अलीगढ़, मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज और कानपुर अतिदोहित दर्ज किए गए हैं, जबकि आगरा को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है।
पानी बचाने की चाक-चौबंद तैयारी
भविष्य में पानी की चुनौतियों का अंदाजा लगाते हुए योगी सरकार ने इससे निपटने की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है। इससे पहले बुंदेलखंड और पश्चिम यूपी के 10 जिलों के 26 विकास खंडों में लागू अटल भू जल योजना का विस्तार अब बाकी के 65 जिलों के सभी 800 विकास खंडों में भी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने योजना पर काम काज का पूरा ब्योरा तैयार कर लिया है।