लखनऊ. वन विभाग में पौधरोपण को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है. CAG रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. वन विभाग ने पौधरोपण के लिए जेसीबी (JCB) और ट्रैक्टर की जगह स्कूटर, बाइक और ई-रिक्शा से पौधों को ढुलाई करवाई. इनसे ही पौधों के लिए गड्ढे खोदे गए और जमीन समतल की गई. जबकि इस कार्य में वाउचर जेसीबी और ट्रैक्टर लगाया जाना चाहिए था.
जांच में पता चला कि जिन वाहन नंबरों को जेसीबी और ट्रैक्टर का बताया गया, वे स्कूटर, बाइक और ई-रिक्शा के हैं. इस खुलासे की जानकारी विधानमंडल के दोनों सदनों में रखी गई. रिपोर्ट में पौधरोपण पर भारी खर्च करने के बावजूद फॉरेस्ट कवर कम होने की बात भी शामिल है.
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20 जिलों में कार्य योजना तैयार नहीं
CAG रिपोर्ट में 2015-16 से 2021-22 तक के काम का ऑडिट किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार ग्राम्य विकास विभाग ने बिना कार्ययोजना के ही पौधरोपण किया. 22 जिलों की जांच की गई तो इसमें पाया गया कि 20 जिलों में कार्य योजना तैयार नहीं की गई. वहीं प्रदेश के 14 वन प्रभागों ने मृत पौधों के एवज में जो पौधे लगाए, उनको अगले साल के लक्ष्य में शामिल करके अपनी उपलब्धि को बढ़ा दिया गया.
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ये खामियां भी मिलीं-
- 19% से 39% पौधरोपण का बजट मार्च में खर्च होना दिखाया गया. जबकि पौधरोपण का सही समय जुलाई और अगस्त होता है.
- ग्राम्य विकास विभाग के लगाए पौधों का सर्वाइवल रेट मात्र 28.45% रहा. जबकि 6 साल में 88.77 करोड़ रुपये रखरखाव पर खर्च किए गए.
- 1,179 करोड़ राशि 6 साल में कैंपा योजना से मिली. लेकिन खर्च ही नहीं की गई.
- 16 प्रभागों की 149 नर्सरियों में 1.25 करोड़ पौधे क्षमता से अधिक उगाए गए.
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