नई दिल्ली। उत्तर के अमरोहा में बामनखेड़ी कांड में दोषी शबनम को कभी भी फांसी की सजा हो सकती है. फांसी की संभावनाओं के बीच शबनम के बेटे ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई है. शबनम के बेटे ताज ने कहा कि राष्ट्रपति अंकल जी मेरी मां को माफ कर दीजिए. मेरी मां को फांसी न दें. मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं.

बुलंदशहर के सुशीला विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी को शबनम की इकलौती संतान की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शबनम के बेटे ताज का जन्म जेल में ही हुआ था. उसकी उम्र 6 साल हुई, तो उसे जेल में बाहर लाया गया और अमरोहा जिला प्रशासन ने उस्मान को कस्टोडियन बनाया. उस्मान ने कहा कि शबनम के नाम पर काफी प्रॉपर्टी है. वे शबनम से कह चुके हैं कि इस प्रॉपर्टी को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जैसे किसी अच्छे काम के लिए दान कर दें.

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बता दें कि 15 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम की मदद से प्रेम संबंध में बाधा बने अपने माता-पिता, दो भाई, भाभी, मौसी की लड़की और सात माह के दुधमुंहे भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद निचली अदालत ने शबनम को फांसी की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा बरकरार रखी और अब राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को खारिज कर दिया है.

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