देश भर में छाए बिजली संकट के बादल के बीच राज्य में पावर कट जारी है. गर्मी की वजह से बढ़ी बिजली की मांग के कारण प्रदेश में 7 से 9 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है. इस सबके बीच राहत की बात ये है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन के प्रयासों से अब 660 मेगावाट क्षमता की यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है. इसके बाद अब रविवार से और 2000 मेगावाट बिजली की उपलब्धता बढ़ सकती है. शनिवार को राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 23 हजार मेगावाट रही. जबकि उपलब्धता 19 हजार 366 मेगावाट बिजली की थी.

दरअसल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन के प्रयासों से रविवार से सिक्किम और हिमाचल प्रदेश से 400 मेगावाट, बैकिंग (पहले दी गई बिजली के बदले बिजली लेने की व्यवस्था) के तहत 325 मेगावाट बिजली मध्यप्रदेश से और 283 मेगावाट राजस्थान से मिलने की संभावना है. बिडिंग के जरिए भी 430 से 950 मेगावाट तक बिजली मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

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दूसरी जगहों से बिजली का इंतजाम

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक लगातार किए जा रहे प्रयासों से बिजली की उपलब्धता में कुछ सुधार होना शुरू हुआ है. रविवार से शार्ट टर्म एग्रीमेंट के तहत बाहर से 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी. वहीं अन्य स्त्रोतों से भी बिजली लेने का इंतजाम किया जा रहा है.

तीन से चार दिन का स्टॉक ही बाकी

जानकारी के मुताबिक शनिवार को अनपरा उत्पादन गृह को 30 हजार एमटी कोयला मिला था. जिसके बाद यहां अब महज पांच दिन के कोयले का स्टॉक बचा है. वहीं ओबरा को 15700 एमटी कोयला मिला. यहां चार दिन का स्टॉक बचा है. हरदुआगंज की बात करें तो यहां 7700 एमटी कोयला आया. जिसके बाद यहां केवल तीन दिन का स्टॉक ही बचा है. सबसे कम पारीछा में 19 हजार एमटी कोयला आने के बाद यहां सिर्फ एक ही दिन का कोयला बचा है. हालांकि अब दूसरे राज्यों से बिजली मिलने के बाद प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ सकती है.