लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल्द ही उत्तर प्रदेश पूरे देश में ऐसा राज्य होगा, जहां तहसील स्तर पर फायर स्टेशन होंगे. हमने कानून व्यवस्था में व्यापक रिफॉर्म के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है. साथ ही उनके आधुनिकीकरण के लिए समयबद्ध तरीके से कार्यक्रम आगे बढ़ाए गए हैं. उसी का परिणाम है कि प्रदेश में आज अग्निशमन विभाग प्रदेश की इमरजेंसी सेवाओं में एक बेहतरीन सेवा प्रदान करने के लिए अपने आप को तैयार कर रहा है. हमने विभाग की सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अब तक लगभग 1400 करोड़ रुपए दिए हैं.

ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित अग्निशमन सुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण के लिए 38 अग्निशमन केंद्रों का लोकार्पण/शिलान्यास एवं 35 अग्निशमन वाहनों के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में कही. इस दौरान सीएम योगी ने विभाग की ओर से लगाई गयी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और अधिकारियों से अग्निशमन उपकरणों की जानकारी हासिल की. मुख्यमंत्री योगी  ने कहा कि पिछले सात वर्षों में विभाग के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. साथ ही समयबद्ध तरीके से विभाग में अधिकारियों की तैनाती की गई है. इसके परिणाम सभी के सामने हैं. पहले अक्सर उद्यमी एनओसी को लेकर शिकायतें करते थे. हमने उसमें कई बदलाव कर उसे सरल किया. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है.

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फायर टेंडर के रिस्पांस टाइम को कम से कम करने पर जोर होना चाहिए ताकि जन-धन की हानि को कम से कम किया जा सके. पिछले कुछ वर्षों में इसमें काफी सुधार भी हुआ है. यही वजह है कि 33,000 से अधिक अग्नि दुर्घटनाओं में 3,780 जनहानि को रोका गया. साथ ही 5000 से अधिक पशुओं के साथ ही 150 करोड़ रुपए की संपत्ति को नष्ट होने से बचाया गया. इसके अलावा विभाग तेज लू के दौरान फसलों में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सदैव खड़ा रहता है. इसे ही ध्यान में रखते हुए हमने आपात सेवाओं का उच्चीकरण करने का कार्य किया है. इस दिशा में न केवल अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकरण बल्कि प्रदेश में एसडीआरएफ के गठन की कार्रवाई को भी पूरा किया गया है. आज एसडीआरएफ की छह कंपनियां काम कर रही हैं.

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