उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने धामी सरकार की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमी को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि ऑपरेशन कालनेमी का उद्देश्य तो ठीक है, लेकिन सरकार को इसमें और प्लानिंग करने की जरुरत है. इन चीजों को रोका जाना आवश्यक है, लेकिन इसमें और प्लानिंग की जरूरत है.
रावत ने कहा कि कालनेमी भगवान राम के खिलाफ था. वह रावण का मित्र था. रावण के लिए काम करता था. हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कौन रावण के लिए काम कर रहा है और कौन राम के लिए. उन्होंने आगे कहा कि इसको लेकर थोड़ा सा प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है कि अनायास रूप से किसी ऐसे व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए.
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पूर्व सीएम ने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो भगवा पहनकर भीख मांग रहे हैं या फिर दान मांग रहे हैं. उनके लिए इस तरह का कालनेमी ऑपरेशन नहीं बल्कि कोई और समाधान निकलना होगा. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी भगवा में कोई आस्था नहीं है, लेकिन फिर भी वो इसे पहनकर घूम रहे हैं. ऐसे में सरकार को इन लोगों की पहचान करने की जरूरत है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऑपरेशन कालनेमि के फर्जी बाबाओं को पकड़ा गया, लेकिन उन्हें किन धाराओं के तहत पकड़ा गया? अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो किन धाराओं में गिरफ्तार किया जाएगा? यह भी स्पष्ट नहीं है. आज भी सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि 7 साल से कम की सजा वाले को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. इस मामले में तमाम ऐसी तकनीकी विषय हैं जिन पर सोच समझकर काम किया जाना चाहिए. हमारे समाज में ही कुछ लोग ऐसे हैं जो कि भिक्षावृत्ति करते हैं. वह गरीब हैं, असहाय हैं, लेकिन उनके लिए इस तरह का अभियान नहीं कुछ और सोचना चाहिए.
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