राष्ट्र पिता महात्मा गांधी कह गए हैं कि ‘शराब शरीर और आत्मा दोनों का नाश करती है’. लेकिन उत्तराखंड सरकार के आंकड़े कहते हैं कि शराब न हो तो राज्य सरकार की जेब खाली रह जाए. जी हां, उत्तराखंड को प्राप्त होने वाले कुल राजस्व में 18 से 19 फीसदी योगदान अकेले आबकारी विभाग का रहता है. इसमें सर्वाधिक योगदान अंग्रेजी शराब का है.
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 3202 करोड़ रुपये के वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 3260.35 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया. रिपोर्ट के अनुसार, अकेले आबकारी विभाग द्वारा कमाया गया राजस्व, राज्य के कुल राजस्व का 18 से 19 प्रतिशत के बीच है. आबकारी विभाग की सबसे अधिक 2309.68 करोड़ रुपये की कमाई अंग्रेजी शराब की बिक्री और लाइसेंस से हुई. जबकि देशी शराब से 578 करोड़ रुपये और बीयर से 261 करोड़ रुपये बतौर राजस्व प्राप्त हुए. इससे पहले कोविड प्रभावित साल 2020-21 के दौरान भी आबकारी के जरिए 3017 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.
20 साल में 14 गुना बढ़ी कमाई
आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के आबकारी विभाग ने वर्ष 2001-2002 के दौरान 231 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था, जो ठीक दो दशक बाद 2021-22 में 3260.35 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस तरह बीते बीस साल के दौरान आबकारी विभाग से सरकार की कमाई 14 प्रतिशत बढ़ गई है.