देहरादून. उत्तराखंड सरकार को दो दिन में दो झटके लगे हैं. उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025 के बाद अब राज्यपाल ने यूसीसी उत्तराखंड (संशोधन) विधेयक, 2025 (UCC Uttarakhand Amendment Bill, 2025) को भी शासन को वापस लौटा दिया है. क्योंकि विधेयक की धारा 4 में निर्धारित आयु से कम उम्र में विवाह पर सजा के प्रावधान का दो बार उल्लेख किया गया है, जिस पर लोकभवन ने आपत्ति जताई है.
बताया जा रहा है कि धारा 3 और 4 के प्रावधान मूल अधिनियम में भी शामिल हैं. ऐसे में इस संशोधन विधेयक के संबंध में राज्यपाल की ओर से दिए गए संदेश के साथ इस विधेयक को दोबारा से सदन में पारित करना होगा. उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान 20 अगस्त को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया था. इसके बाद राज्यपाल की संस्तुति के लिए इस संशोधन विधेयक को लोकभवन भेजा गया था. लेकिन कुछ कमियों के चलते लोकभवन ने इसे सरकार को वापस लौटा दिया है.
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बता दें कि लोकभवन ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025 को भी वापस लौटा दिया. लोकभवन से इस विधेयक को भी मंजूरी नहीं दी गई है. ऐसे में अब सरकार या तो अध्यादेश के जरिए इसे विधेयक को लागू कर सकती है या फिर आगामी विधानसभा सत्र में दोबारा इस विधेयक को सदन में पारित कराया जा सकता है. उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2025 के ड्राफ्ट में कुछ तकनीकी खामियों की वजह से ही लोकभवन ने इसे शासन को वापस लौटाया है. लोकभवन से प्रस्ताव को लौटाए जाने के बाद बीते मंगलवार को विधायी विभाग को ये विधेयक प्राप्त हो गया है.
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