देहरादून. प्रदेश में गेस्ट टीचरों की नौकरी खतरे में लग रही है. सरकार ने इनकी जगह पर एलटी के शिक्षकों को नियुक्ति दे दी है. जिसके बाद करीब 200 से 250 गेस्ट टीचरों की सेवा समाप्त होने की बात सामने आ रही है. ये खुलासा पूर्व सीएम हरीश रावत ने किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने गेस्ट टीचरों को दीपावली का अच्छा तोहफा दिया है.
रावत ने कहा कि ‘एक के घर में दिवाली और दूसरे के घर में अंधेरा. शासन की यह कैसी नीति है कि गेस्ट टीचरों को जो हमारी शिक्षा के आधार हैं, जहां कोई शिक्षक पढ़ाने नहीं जाता है वहां गेस्ट टीचर अपनी सेवाएं देकर के हमारी माध्यमिक शिक्षा को संभालते हैं. अभी सरकार ने एलटी के शिक्षकों को नियुक्ति दी, मैं एलटी के सभी शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं. मगर अपनी घोषणा के विपरीत कि एक भी अतिथि शिक्षक प्रभावित नहीं होगा. मेरे पास अल्मोड़ा से सूचना आई है कि वहां लगभग दो-ढाई सौ से ज्यादा गेस्ट टीचरों की सेवाएं समाप्त हो रही हैं, क्योंकि उनके स्थानापन्न एलटी शिक्षक वहां नियुक्त हो गए हैं. अतिथि शिक्षकों को दीपावली के अवसर पर सरकार ने एक अच्छा पुरस्कार दे दिया.’
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रावत ने कहा कि मेरा, मुख्यमंत्री और धन सिंह से आग्रह है कि अतिथि शिक्षकों को फुटबॉल न बनाया जाए और इनकी नियुक्ति को स्थाई किया जाए और उसके लिए एक फार्मूला जिसका उपयोग सभी राज्य कर रहे हैं. उत्तराखंड को भी उस फार्मूले का उपयोग करना चाहिए. मैं फिर से एलटी शिक्षकों को उनके लंबे इंतजार के बाद उनको नियुक्तियां मिली उसके लिए मैं उनको बधाई देता हूं. लेकिन अतिथि शिक्षकों को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम उनकी लड़ाई को निरंतर लड़ते रहेंगे और उनकी आवाज उठाते रहेंगे.’
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