देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा विभाग फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से नौकरी पाने वाले पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। शिक्षा विभाग ने 51 शिक्षकों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। इस मामले में दिव्यांग जन लगातार ऐसे फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग करते रहे लेकिन इसके बावजूद करीब 2 साल बीतने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

चार सदस्यीय समिति गठित

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए विभागीय स्तर पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। चार सदस्यीय समिति केस-टू-केस के आधार पर शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की गहन जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सीधे शासन को उपलब्ध कराएगी। 1991 से 2017 तक के मामलों की जांच की जा रही है।

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बता दें कि प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र मामले को लेकर काफी पहले ही कई शिक्षक सवालों के घेरे में आ चुके थे। इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यह मामला जैसे ही कोर्ट तक पहुंचा तब शिक्षा विभाग गहरी नींद से जागा। शिक्षा विभाग की ओर से मामले में अब फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी पाने वालों के खिलाफ जांच का दावा किया गया है।

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