देहरादून। उत्तराखंड सरकार शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के बाद अब अफसरों को भी अनिवार्य रिटायरमेंट की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने गुरुवार को शासकीय आवास पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये बात कही। उन्होंने अक्षम अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के लिये चिन्हित करने के निर्देश अफसरों को दिए है। 

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा बड़ा विभाग होने के नाते कई अधिकारी कर्मचारी व शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण अपने कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन सही से करने में अक्षम हैं। जिसका प्रतिकूल प्रभाव विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में अपने कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में अक्षम शिक्षकों के साथ-साथ कार्मिकों एवं अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

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बैठक में सचिव शिक्षा रविनाथ रामन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, एमएम सेमवाल, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक लीलाधर ब्यास, प्रभारी निदेशक प्राथमिक शिक्षा रघुनाथ लाल, अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती, पदमेंद्र सकलानी आदि शामिल रहे।