चमोली. जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या गंभीर होती जा रही है. कई परिवार को सुरक्षित स्थानों में स्थानांतरित किजा जा चुका है. हाल ही में CBRI (Central Building Research Institute) ने वहां के 2364 मकानों को सर्वे किया. जिसके मुताबिक, 37% मकान ऐसे हैं, जिसे में रहा जा सकता है. 20% मकान प्रयोग योग्य हैं. जबकि 1% को तोड़ते जाने की सिफारिश की गई है.

बता दें कि 23 इमारतों को तोड़ने की सिफारिश की गई है. 470 से अधिक मकानों को अनसेफ माना गया है. दरअसल, यह सर्वे जनवरी 2023 में जमीन में आई दरारों और पानी के तेज बहाव के बाद शुरू किया गया था. CBRI के मानें तो अधिकांश इमारतें निर्माण के राष्ट्रीय कोड का पालन नहीं करतीं. 99% मकानें गैर-इंजीनियर्ड हैं. जिनका निर्माण तकनीकी दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं हुआ है.

सर्वे में पाई गई कई कमियां

इसके अलावा सर्वे में कई कमियां भी पाई गई है. कच्ची या अधपकी ईंटों का उपयोग, भारी लकड़ी की छतों और मोटी दीवारों के बीच कमजोर जोड़, बिना रीनफोर्समेंट के ऊंची इमारतें, घटिया निर्माण गुणवत्ता, छोटे कंक्रीट कॉलम और बिना पर्याप्त सपोर्ट की दीवारें. CBRI के मुताबिक भवनों के आसपास जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से जमीन धंस सकती है. जिससे इमारत की स्थिरता पर प्रभाव पड़ता है.