देहरादून। उत्तराखंड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सौर कौथिग मेला का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से सौर कौथिग का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम धामी ने सोलर वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन 100 दिन तक पहाड़ के कोने-कोने तक पहुंचेगी और लोगों को सौर ऊर्जा परियोजना व इसमें मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देगी। 

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मंच से संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान के अंतर्गत ये मेला अपने आप में विशिष्ट पहल है। ज्यादा से ज्यादा घरों तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुंचा रहे है। जीवाश्म आधारित ईंधन के स्रोत सीमित हैं जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है। लेकिन सौर ऊर्जा का स्रोत असीमित है। आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश मे 100 गीगावाट ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि मेले में देश-प्रदेश के करीब 50 सोलर प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनियों ने स्टॉल लगाए है। सौर कौथिग में उपभोक्ता सभी जानकारियां ले सकेंगे।

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सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य के स्तर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हाल ही में पीएम सूर्यघर योजना शुरू हुई थी। अपने घर के ऊपर खुद बिजली पैदा करो और यूज करो। उत्तराखंड में अब तक 28,000 आवेदन आ चुके हैं। 11,000 संयंत्र लग चुके हैं। 37 मेगावाट उत्पादन शुरू हो चुका है। वहीं, 2027 तक 2000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य है। 

ऊर्जा नीति पर सीएम धामी की प्रमुख बातें  

  • 100 करोड़ की लागत से राज्य के सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्रोजेक्ट लगा रहे हैं।
  • रूफटॉप सोलर पर 70% की सब्सिडी दी जा रही है
  • घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 30 से 50% का अनुदान सोलर वाटर हीटर पर दिया जा रहा है।
  • 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा है।
  • हमने आवासीय प्रोजेक्ट के लिए 350 नए वेंडर को सूचीबद्ध किया है।
  • सौर ऊर्जा के लक्ष्य हमारे लिए बड़ा गेम चेंजर साबित होगा।