काशीपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड की रजत जयंती वर्ष समारोह की श्रृंखला में काशीपुर में आज राज्य स्तरीय शहरी विकास सम्मेलन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने ₹46. 24 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने दिव्यांग सशक्तिकरण कौशल विकास वाहन व नगर निगम काशीपुर के 14 कूड़ा एकत्रित करने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

विकास कार्यों की गति को अत्यधिक प्रभावित किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के प्रारंभिक वर्षों में, जब हमारे शहर अपने स्वरूप में ढल रहे थे, तब हमारे निकायों के सामने बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ आवश्यक संसाधनों का भी अभाव हुआ करता था। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं ने भी विकास कार्यों की गति को अत्यधिक प्रभावित किया। परंतु इन 25 वर्षों की इस गौरवमयी यात्रा में हमारे राज्य ने अनेकों चुनौतियों का सामना करते हुए विकास, समृद्धि और सुशासन के नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

जनकल्याण जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी राज्य की आत्मा उसके गाँवों में बसती है, तो शहरों में हमारे नागरिकों की आकांक्षाएँ और सपने आकार लेते हैं। इसी सोच के साथ हमने शहरी विकास को अपनी प्राथमिकताओं के केंद्र में रखा है। आज हमारे नगर स्वच्छता, सड़क व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति और जनकल्याण जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रहे हैं।

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बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखण्ड का नगरीय स्वरूप तेजी से बदला है। वर्ष 2001 में जहाँ राज्य की शहरी जनसंख्या लगभग 16 प्रतिशत थी, वहीं आज यह बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। यही नहीं, राज्य गठन के समय राज्य में केवल 63 स्थानीय निकाय थे और देहरादून एकमात्र नगर निगम हुआ करता था, लेकिन आज राज्य में 11 नगर निगम समेत 107 नगर निकाय शहरों के विकास और नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।

रोजगार और स्वरोजगार के अनेक अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के समय शहरी विकास विभाग का बजट जहाँ केवल ₹55 करोड़ था, वहीं आज यह बढ़कर ₹1300 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है। बीते 25 वर्षों में हमारे शहरों ने न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान की है, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के अनेक अवसर भी सृजित किए हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर चलते हुए भारत को विकास और समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से आज देश के लाखों शहरों, कस्बों और नगरों में साफ-सफाई की एक नई संस्कृति विकसित हुई है। अमृत योजना के द्वारा शहरी बुनियादी ढाँचे जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज और हरित स्थानों को सशक्त किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम से शहरी विकास को तकनीक और नागरिक सुविधा के साथ जोड़ते हुए एक आदर्श नगर विकास का मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाखों गरीब परिवारों को अपने खुद के पक्के घर प्राप्त हुए हैं।

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सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के विकास को एक नई दिशा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जहाँ एक ओर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक नगर में ठोस कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है, वहीं स्मार्ट सिटी मिशन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत मिशन, खुले में शौच मुक्त अभियान और लीगेसी वेस्ट प्रबंधन जैसी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक को देने का प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार ₹82. 50 करोड़ की लागत से 52 स्थानीय निकायों में 115 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। काशीपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के साथ ही ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी किया जा रहा है। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से ₹1100 करोड़ की लागत से औद्योगिक हब परियोजना एवं ₹100 करोड़ की लागत से अरोमा पार्क परियोजना भी संचालित की जा रही है।