देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शासकीय आवास में “राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे” पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी चिकित्सकों को “राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे” की बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आप लोग अपनी सेवा, समर्पण और करुणा से अनगिनत लोगों के जीवन को संजीवनी प्रदान करते हैं।
भारतीय संस्कृति में ज्ञान-विज्ञान का संगम
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्म का एक अद्वितीय संगम देखने को मिलता है, हमारी संस्कृति केवल आस्था और विश्वास पर ही आधारित नहीं है बल्कि ये गहरे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, चिंतन और शोध का परिणाम भी है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए प्रत्येक चिकित्सक से मिलकर उनसे बातचीत की तथा उन्हें सम्मानित किया।
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डॉक्टर का पेशा केवल एक व्यवसाय नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर का पेशा केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि एक “नोबल प्रोफेशन” है, जो सेवा, संवेदना और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनता के मन में डॉक्टर के प्रति जो आस्था, सम्मान और श्रद्धा है, उसे और मजबूत करें। उन्होंने सभी चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वह अपने आचरण, सेवा और समर्पण से हमेशा अपनी उस छवि को जीवित रखें, जो समाज ने डॉक्टर को ‘धरती का भगवान’ कहकर दी है।
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प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण हेतु निरंतर प्रयासरत है। हमने आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक करीब 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए हैं। जिसके माध्यम से, प्रदेश के लगभग 11 लाख से अधिक मरीजों को ₹2,100 करोड़ से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ प्राप्त हो चुका है।
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प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित
उन्होंने कहा कि हम राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रहे हैं जिससे हमारे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को उनके जिले में ही आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सहज रूप से उपलब्ध हो सकेंगी। इनमें से पाँच मेडिकल कॉलेज पहले से ही संचालित किए जा चुके हैं, जबकि दो और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निःशुल्क जांच योजना के अंतर्गत मरीजों को 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा भी प्रदान की जा रही है। हमारी सरकार द्वारा जहां एक ओर जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण कर उन्हें बेहतर सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। हम अपने सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए भी निरन्तर प्रयासरत हैं।
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