देहरादून. वैसे तो प्रदेश के कई सरकारी अस्पताल PPP (Public Private Partnership) के तहत संचालित हो रहे हैं, जिसे लेकर धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकारी अस्पतालों को PPP मोड से हटाए जाएंगे. 30 दिसंबर तक सभी पीपीपी मोड से संचालित अस्पतालों को वापस ले लिया जाएगा.

दरअसल, पीपीपी मोड पर संचालित होने वाली अस्पतालों को लेकर सरकार को लगातार शिकायतें मिली रही थी. ऐसे में सरकार ने अस्पतालों को पीपीपी मोड से संचालित करने का फैसला वापस ले लिया है. वहीं वर्ल्ड बैंक की ओर से पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. अब इस अस्पतालों का संचालन राज्य सरकार करेगी.

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6 अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित

बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार ने टिहरी गढ़वाल में संचालित जिला चिकित्सालय बौराड़ी समेत दो अन्य अस्पतालों बिलकेश्वर और देवप्रयाग को पीपीपी मोड से वापिस ले लिया था. वर्तमान समय ने अभी भी पौड़ी और नैनीताल जिले के 6 अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे हैं.

2017 में सरकार ने लिया था फैसला

गौरतलब है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिए जाने को लेकर साल 2017 में सरकार ने पीपीपी मोड पर अस्पतालों के संचालन का निर्णय लिया था. उस दौरान वर्ल्ड बैंक की ओर से पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 9 राजकीय अस्पतालों का पीपीपी मोड पर संचालन शुरू किया गया था. जिसमें टिहरी, पौड़ी और नैनीताल जिले में मौजूद तीन-तीन अस्पतालों को पीपीपी मोड पर दिया गया था.