रुद्रप्रयाग. तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद हो गए हैं. वहीं अब शीतकाल में मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी लगाई दी गई है. मंदिर समिति ने परिसर में घेराबंदी कर दी है. सुरक्षा और स्वच्छता दृष्टि से यह कदम उठाया गया है.
बता दें कि मंदिर समिति ने शीतकाल में पर्यटकों, सैलानियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए मंदिर परिसर में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी है. शीतकाल में बर्फबारी का आनंद लेने और प्रकृति की हसीन वादियों से अति निकट से रूबरू होने के लिए पर्यटकों, सैलानियों की आवाजाही चंद्रशिला शिखर तक जारी रहती है.
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चंद्रशिला जाने वाले पर्यटक, सैलानी प्रेमी तुंगनाथ मंदिर परिसर में भी प्रवेश करते हैं. जिससे मंदिर, भंडार गृह, अतिथि गृह और अधिकारी-कर्मचारियों के आवासों की सुरक्षा को भी खतरा रहता है. मंदिर परिसर में पर्यटकों की ओर से कूड़ा-कचरा छोड़ने से गंदगी फैल जाती है. ऐसे में समिति ने मंदिर परिसर की सीमाओं के चारों तरफ घेराबंदी कर दी है.
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बता दें कि भगवान तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को परंपरा के अनुसार शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. 7 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान हो चुकी है.
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