देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, विज्ञापनों में आपका चमकता चेहरा…वहीं दूसरी ओर अपने प्रदेश में दुःखी युवाओं और जवानों के बुझे चेहरे देखकर मन में तकलीफ होती है। हो भी क्यों न! हमारे यहां उपनल (UPNL) जवानों और युवाओं के कल्याण के लिए बनी थी, पर आज ये सम्मान नहीं, ठेकेदारी का ठप्पा बन चुकी है।
वेतन, सुरक्षा और सम्मान चाहते हैं
हरीश रावत ने बताया कि 38 हज़ार की पोस्ट पर 12 हज़ार का वेतन, बाकी ठेकेदारों की जेब में…क्या यही है आपका रोजगार मॉडल? ये जवान उचित वेतन, सुरक्षा, सम्मान और अपनी पहचान चाहते हैं.. अपमान नहीं चाहते। आप ही बताइए, क्या ये कुछ गलत मांग रहे हैं?
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धामी जी, अगर आपकी सरकार सच में ‘जवान का सम्मान’ चाहती है, तो उपनल कर्मियों का नियमितिकरण पहला कदम होना चाहिए। क्योंकि ये नौकरी नहीं, अपना हक़ मांग रहे हैं। कान खोलकर सुन लीजिए- ये लड़ाई राजनीतिक नहीं, मूल अधिकारों की है। अगर सरकार अब भी इनके अधिकारों को कुचलती रहेगी तो हक की ये आवाज़ अब फाइलों से नहीं, सड़कों से उठेगी।
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