देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सत्ता और राजनीति, दोनों को समझना चाहिए कि आरक्षण का अधिकार है, हथियार नहीं। यह संविधान प्रदत्त अधिकार सामाजिक न्याय और सामाजिक समरचता को आगे बढ़ाने के लिए दिया गया है। दुर्भाग्य से उत्तराखंड की सत्ता आरक्षण का उपयोग अपने राजनीतिक विरोधियों से हिसाब बराबर करने के लिए और अपने स्वार्थ साधन के लिए कर रहे हैं।

पवित्र अधिकार का उपयोग स्वार्थ के लिए

हरीश रावत ने कहा कि हम लगातार देख रहे हैं कि भाजपा, नगर पंचायत और ग्रामीण पंचायतों के चुनाव में इस पवित्र अधिकार का उपयोग एक अपवित्र राजनीतिक स्वार्थ साधन के लिए कर रही है। यदि जिला पंचायत का आरक्षण भी शेष के साथ घोषित कर दिया जाता है तो हो सकता है कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने के प्रश्न पर नए सिरे से सोचते। खैर देहरादून में आप एक व्यक्ति विशेष को रोकने के लिए आरक्षण का टैक्टिकल उपयोग करते हुए भाजपा सरकार को देख रहे हैं।

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हरीश रावत ने आगे कहा कि एक व्यक्ति जिसने अपने प्रभाव से देहरादून में भाजपा को पटखनी दी, उसको पटखनी देने के लिए अब आप आरक्षण के पवित्र हथियार का दुरुपयोग कर रहे हैं! भाजपा को यह स्पष्ट समझना चाहिए कि इसका खामियाजा अगले आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा। प्रीतम सिंह का व्यक्तित्व और उभरेगा, कांग्रेस को इसका लाभ उत्तराखंड और विशेष तौर पर देहरादून में मिलेगा। समय है अब भी गलती सुधार लो।