देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मोहन भागवत के एक बयान को लेकर कहा कि हिंदू की परिभाषा बताते हुए कहा गया है कि हिंदू वह है जो अपने मार्ग पर चलने में भरोसा रखता है और अलग-अलग मत व मान्यताओं वाले लोगों का भी सम्मान करता है। भागवत कहते हैं कि बीते 40 हजार साल से भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक है, भारत विभितता में एकता की असली ताकत है।
राज्य सरकारें विपरीत आचरण कर रही
विभिन्न पूजा पद्धतियों का एक ही लक्ष्य है और उस तक पहुंचने का सभी अपने-अपने तरीके से उस लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। मोहन भागवत जो कुछ कह रहे हैं उसमें विवाद नहीं है, मगर संघ के विभिन्न संगठनों विशेष तौर पर बजरंग दल आदि तथा आज की केंद्र और राज्य सरकारें इसके ठीक विपरीत आचरण कर रहे हैं।
READ MORE: कुदरत का खौफ ऐसा कि… बंद कर दी गई गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में भी भूस्खलन का डर
अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है, उनके धार्मिक और शैक्षिक संस्थाओं को लक्ष्य बनाकर उन पर कई तरीके प्रतिबंध और शर्तें थोपी जा रही हैं माबलिंचिंग करने वालों के संबंध भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर RSS से जुड़े पाए गए हैं। स्पष्ट है कि कथनी और करनी में बड़ा अंतर है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक