देहरादून. उत्तराखंड में तेजी से HIV का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, जो कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार के लिए चिंता का विषय है. पिछले 4 सालों में 4,556 HIV संक्रमित मरीज पाए गए हैं, जिनमें से अकेले 1,656 मरीज देहरादून जिले में मिले हैं.
बात दें कि देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. जहां एक ओर देहरादून में 1,656 मरीज पाए गए, वहीं दूसरी ओर नैनीताल से 968 मामला सामने आए हैं. इधर, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में मामलों की संख्या चिंताजनक है. इन चार जिलों में पिछले चार सालों के दौरान राज्य के कुल HIV संक्रमण का 90 प्रतिशत हिस्सा दर्ज किया गया.
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राहत की बात यह है कि राज्य में एचआईवी संक्रमण दर (15-49 आयु वर्ग) बीते चार लावों से स्थिर बनी हुई है. वर्तमान में संक्रमण दर 0.13 प्रतिशत है, इसका मुख्य कारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही लगातार टेस्टिंग है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6,33,930 व्यक्तियों का एचआईवी टेस्ट किया गया, जिसमें 1,465 लोग संक्रमित पाए गए.
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जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल से अक्टूबर) के बीच 3,07,749 व्यक्तियों में 764 नए एचआईवी पॉजिटिव केस मिले. पिछले चार वर्षों में देहरादून, नैनीताल और हरिद्वार में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. देहरादून में 2023-24 में 543, हरिद्वार में 261, ऊधमसिंह नगर में 175 नए मामले सामने आए हैं.
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HIV के लक्षण
- कमजोरी
- बुखार
- अधिक पसीना आना
- ठंड लगना
- रैशेज
- लिंफ नॉड में सूजन
- शरीर में दर्द
- थकावट
- डायरिया
- मुंह में छाले
- उल्टी
- वजन कम होना
कैसे कर सकते हैं बचाव?
शारीरिक संंबंध बनाते समय प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें. कई लोगों के एक ही इंजेक्शन के इस्तेमाल करने से एचआईवी वायरस फैल सकता है, इसलिए हमेशा इंजेक्शन लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह पहले नया हो और पहले किसी ने उसका इस्तेमाल न किया हो. सिर्फ दवाइयों के ही नहीं, बल्कि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की गए सुई से भी एचआईवी का संक्रमण हो सकता है, इसलिए टैटू बनवाते समय खास सावधानी बरतें. अगर आप शारीरिक संबंध बना रहे हैं तो नियमित तौर से एसटीआई (STI) की जांच कराएं. इससे समय रहते इसका पता चल जाता है और इलाज किया जा सकता है. इसके अलावा अपने पार्टनर का भी नियमित रूप से टेस्ट करवाएं.
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