देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में सेतु आयोग की नीतिगत निकाय की प्रथम बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सेतु आयोग द्वारा राज्य की “गोल्डन जुबली 2050” तक का विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी 25 साल में राज्य के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास के लिए सुनियोजित प्लान बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जाए।

विभागों की पॉलिसी का विस्तृत विश्लेषण

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डियों को राज्य की विकास यात्रा से जोड़ने और राज्य में निवेश के लिए उन्हें प्रेरित करने की दिशा में भी कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेतु आयोग द्वारा विभागों की पॉलिसी का विस्तृत विश्लेषण किया जाए और विभागों के कार्यों को बेहतर क्रियान्वयन के लिए सहयोग दिया जाए।

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सेतु आयोग का महत्वपूर्ण योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेतु आयोग का महत्वपूर्ण योगदान होगा। सेतु आयोग द्वारा 02 वर्ष की अल्पकालिक, 10 वर्ष की मध्यकालिक और 25 वर्ष की दीर्घकालिक योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि योजना बनाने के साथ ही उनके क्रियान्वयन और अनुश्रवण पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में बागवानी और डेयरी क्षेत्र में कार्य की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सेतु आयोग के विशेषज्ञों द्वारा इस क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जाए।

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उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल विकास और आधुनिक प्रशिक्षण की दिशा में कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेतु आयोग को विभागों के उत्प्रेरक (कैटेलिस्ट) की भूमिका में कार्य करना होगा। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं पर विषय विशेषज्ञों द्वारा संक्षिप्त रिपोर्ट बनाई जाए, जिससे विभागों को आगे कार्य करने के लिए सही दिशा मिले। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि, बागवानी, पर्यटन, ऊर्जा और औषधीय उत्पादों के क्षेत्र में कार्य करने की अनेक संभावनाएं हैं।

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बैठक में सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने अब तक आयोग द्वारा किए गए और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तकनीकी का अधिकतम उपयोग, इकोनॉमी और इकोलॉजी में संतुलन और प्रभावी अनुश्रवण किया जाएगा। टाटा ट्रस्ट, बिल गेट्स फाउंडेशन, नैस्कॉम, आईटीसी, महिंद्रा जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर कृषि, उच्च शिक्षा, पशुपालन, स्वास्थ्य, उद्योग, कौशल विकास, आईटी व अन्य क्षेत्रों में कार्य किया जाएगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि सेतु आयोग का सुचारू रूप से संचालन हो रहा है। आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास को सशक्त बनाना है। एक माह के भीतर आयोग के कार्यों के आउटपुट राज्य के भीतर देखने को मिलेंगे।