देहरादून. उत्तराखंड से गबन का गजब का मामला सामने आया है. दरअसल, जो फंड वन संरक्षण और वनीकरण के लिए निर्धारित था. उसका इस्तेलाम आईफोन, लैपटॉप, और रेफ्रिजरेटर खरीदने में किया गया. इसका खुलासा तब हुआ, जब सदन में CAG (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट रखी गई.

बता दें कि इस रिपोर्ट ने प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA) में व्यापक वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा किया है. 2022 के रिकॉर्ड की जांच करने वाली इस रिपोर्ट में कई गबन सामने आए हैं. ऐसे कर भुगतान के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) परियोजना को 56.97 लाख रुपये रिडायरेक्ट किए गए, जबकि पैसा इसके लिए नहीं था.

इसके अलावा डीएफओ अल्मोड़ा कार्यालय में उचित मंजूरी के बिना सोलर फेंसिंग पर 13.51 लाख रुपये खर्च किए गए. जन जागरूकता अभियान के लिए निर्धारित 6.54 लाख रुपये का उपयोग मुख्य वन संरक्षक, सतर्कता और कानूनी प्रकोष्ठ के ऑफिस बनाने पर खर्च किया गया. 13.86 करोड़ रुपये का दुरुपयोग विभागीय स्तर पर अन्य परियोजनाओं के लिए किया गया. जिसमें बाघ सफारी परियोजनाएं, कानूनी शुल्क, व्यक्तिगत यात्रा, और आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, और कार्यालय आपूर्ति की खरीद शामिल थी.

प्रतिपूरक वनरोपण शुल्क के रूप में 212.28 करोड़ रुपये वसूल नहीं किए गए. अस्वीकृत परियोजनाओं पर 2.13 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि स्वीकृत सीमा से परे 3.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए. प्रधान सचिव के आवास के जीर्णोद्धार, सरकारी क्वार्टरों के रखरखाव और वाहन खरीद जैसे गैर-पर्यावरणीय खर्चों पर 12.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए. बजट बैठकों के लिए लंच और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के लिए 35 लाख रुपये के जश्न समारोह सहित अनावश्यक खर्चों पर 6.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

188.62 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग अंतिम स्वीकृति के बिना गैर-वनीय उद्देश्यों के लिए किया गया. 52 मामले ऐसे थे, जहां भारत सरकार से अनुमति लिए बिना ही परियोजनाएं शुरू कर दी गईं. स्पष्ट उल्लंघनों के बावजूद, इसमें शामिल एजेंसियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

वृक्षारोपण खड़ी, चट्टानी ढलानों पर किया गया जिससे उनका जीवित रहना मुश्किल हो गया. क्षेत्र में बड़े देवदार के पेड़ों ने नए वृक्षारोपण के विकास में बाधा डाली. सुरक्षात्मक उपायों की कमी की वजह से मवेशियों और मानवीय गतिविधियों से नुकसान हुआ. वनीकरण परियोजनाओं पर ₹22.08 लाख खर्च किए गए लेकिन अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिले.

इस रिपोर्ट में तीन वित्तीय सालों के दौरान विभिन्न विभागों से CA फंड के अनुचित खर्चों का विवरण दिया गया है. जो कि इस प्रकार है, 2019-20 में 2,31,37,184 रुपये, 2020-21 में 7,96,23,555 रुपये, 2021-22 में 3,58,68,479 रुपये. कुल मिलाकर 13,86,29,218 रुपये.

गौरतलब है कि प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण का गठन प्रतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम, 2016 के तहत किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकास परियोजनाओं के कारण नष्ट हुए जंगलों को फिर से अपने पुराने स्वरूप में लाया जा सके. वन भूमि के डायवर्जन के लिए कंपनियों और सरकारी एजेंसियों से एकत्र किए गए फंड का उपयोग वनरोपण, जैव विविधता संरक्षण और वन अग्नि रोकथाम के लिए किया जाता है.