चमोली। उत्तराखंड के चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने 28 फरवरी को माणा में हुए हिमस्खलन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जोशीमठ के SDM को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई थी। हिमस्खलन की घटना में 55 मजदूर दब गए थे। हालांकि, मजदूरों 46 मजदूरों को बचा लिया गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले का संज्ञान लिया था। चमोली में चारधाम यात्रा के मद्देनजर बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है। बर्फ हटाने के दौरान ही हिमस्खलन हुआ था।

READ MORE : महाकुंभ से लौटी UK SDRF: सीएम धामी ने किया स्वागत, कहा- दक्षता का प्रदर्शन कर बढ़ाया उत्तराखंड का मान

रेस्क्यू ऑपरेशन को गति देने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार, थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, रोटरी रेस्क्यू सॉ, एवलांच रॉड और डॉग स्क्वाड जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया था। एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) और सेना के जवानों ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस अभियान में वायुसेना और अन्य सुरक्षा बलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राहत कार्यों के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर और राज्य सरकार के दो हेलीकॉप्टर तैनात किए गए। एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस भी घायलों के इलाज के लिए तैनात रही।

READ MORE : सरकार के दावे झूठे? रस्सी और ट्राले की सहारे नदी पार कर रहे ग्रामीण, दांव पर 40 परिवार की जिंदगी, मौत के बाद जागेंगे जिम्मेदार?

राज्य सरकार उठाएगी इलाज का खर्च

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने पर संतोष व्यक्त किया और इसमें शामिल सभी एजेंसियों- आपदा प्रबंधन, सेना, ITBP, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग और ऊर्जा विभाग की सराहना की। सरकार ने घोषणा की कि गंभीर रूप से घायल श्रमिकों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। प्रशासन लगातार श्रमिकों और उनके परिवारों के साथ संपर्क में है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।