देहरादून. नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने पत्नी को बीमार पति का अभिभावक बनने की मंजूरी दी है. प्रशासनिक और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पत्नी को पति का अभिभावक नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं.

दरअसल, एक महिला ने इसे लेकर याचिका दायर की थी, जिसमें उसने बताया था कि उनकी शादी 2022 में हुई थी. शादी के बाद उन्हें बेटी हुई. पिछले साल पति को दो ब्रेन स्ट्रोक आए थे, तब से वो कोमा में हैं. वह एक प्राइवेट स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर थे.

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याचिका में यह भी बताया कि कोमा में जाने के बाद उन्हें कई सरकारी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ रही है. लेकिन बिना उनके (पति) हस्ताक्षर के उन्हें बनाना मुमकिन नहीं है. अभी तक उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन और बेटी का आधार कार्ड तक नहीं बन पाया है. ऐसे में महिला ने याचिका दायर करते हुए खुद को पति का अभिभावक नियुक्त करने की अनुमति मांगी थी. ताकि वो रुके हुए काम करा सके.

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जिस पर हाईकोर्ट ने मंजूरी देते हुए कहा कि गर पति स्वस्थ्य हो जाता है और उसका किसी भी प्रकार का शोषण और अधिकारों का हनन होता है तो यह आदेश रद्द किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा है कि ये आदेश मानवता को देखकर दिया जा रहा है, इसको अन्यथा न लें.