उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी आपदा को लेकर इसरो वैज्ञानिकों ने साल भर पहले ही संकेत दिए थे। यह रिपोर्ट वैज्ञानिकों द्वारा उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी गई थी लेकिन रिपोर्ट कहां गई यह खबर किसी को नहीं है। दरअसल 6133 मी ऊंचाई वाले श्रीकंठ पर्वत के ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं। पिछले वर्ष इसरो के वैज्ञानिकों ने इस पूरी घाटी का अध्ययन किया था। उन्होंने सैटेलाइट अध्ययन के आधार पर यह जानकारी प्राप्त की थी की घाटी के ऊपरी क्षेत्र में पानी के छोटे-छोटे स्पॉट बन गए हैं।
पांच अगस्त को तीन जगह बादल फटा
बता दें कि पांच अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली, सुक्की टॉप और हर्षिल में बादल फटने से भारी तबाही मच गई थे। यहां दर्जनों घर बह गए। हादसे में सैकड़ों लोग प्रभावित हो गए। कई मकान, होटल-ढाबे और होम स्टे बह गए। सैकड़ों लोग लापता हो गई। अब तक 5 लोगों की मौतों की पुष्टि हो चुकी है। सीएम धामी ने तुरंत राहत बचाव कार्य जारी करने के निर्देश दिए थे। पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हादसे की जानकारी ली और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
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657 लोगों को सुरक्षित निकाला
आज धराली में आपदा का तीसरा दिन है। मौसम खुला तो ‘आसमान’ से राहत मिल सकती है। मुसीबत में फंसे 657 लोग निकाले गए है। वायु सेना के 8 हेलिकॉप्टर राहत बचाव कार्य में जुटे हुए है। हर्षिल, नेलांग, मताली से फंसे लोगों को निकाला गया है। सीएम धामी पल-पल की अपडेट ले रहे है। साथ ही प्रभावितों से मिलकर उनसे बातचीत भी कर रहे है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से हुई क्षति का आकलन करवाए जाने के साथ सर्वप्रथम ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।
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