देहरादून. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सेवा महानिदेशालय ने एक रेफरल नीति तैयार कर जारी किया है. जिससे अब किसी अस्पताल का डॉक्टर गंभीर मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं कर सकेगा. इसके लिए पहले डॉक्टर्स को दूसरे अस्पताल के नोडल अधिकारी से बात करनी होगी.
दरअसल, अस्पतालों में जब भी मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है तो मरीज को और उसके परिजनों को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे हालातों में समस्याओं का सामना करना ना पड़े इसके लिए दून अस्पताल के बीच रेफरल सिस्टम की नीति तैयार की जा रही है. इसके लिए अधिकारियों को दिशा- निर्देश भी दिए जा चुके है.
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बताया जा रहा है कि अगर इस नीति का सही तरीके से पालन किया जाएगा तो मरीज को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भटकने की जरूरत नहीं होगी. रेफरल नीति के मुताबिक मेडिकल कॉलेज से जुड़े बड़े अस्पताल किसी भी मरीज को तभी दूसरे अस्पताल में रेफर कर पाएंगे जब उस अस्पताल में संबंधित बीमारी के इलाज की सुविधा नहीं होगी.
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