देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पेड़ों की कटाई को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अरावली कोई साधारण पहाड़ी श्रृंखला नहीं है, यह उत्तर भारत की जीवनरेखा, जल–हवा–जलवायु की प्राकृतिक ढाल और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा कवच है। इसे केवल “ऊँचाई” या “ज़मीन” के तकनीकी मापदंडों में बाँधना प्रकृति के साथ किया गया सबसे बड़ा अन्याय है।

पर्यावरणीय भविष्य को दांव पर लगाने जैसा

यशपाल आर्य ने कहा कि आज सवाल 100 पेड़ों का नहीं, 100 पहाड़ियों का है क्योंकि अरावली टूटी तो पानी सूखेगा, हवा ज़हरीली होगी और जीवन असुरक्षित हो जाएगा। भाजपा सरकार पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली में उद्योगपतियों के हित में जंगलों का विनाश कर चुकी है और अब राजस्थान की अरावली पर नज़र है। यह तथाकथित विकास नहीं, बल्कि सुनियोजित पर्यावरणीय अपराध है। अरावली को कमजोर करना उत्तर भारत के पर्यावरणीय भविष्य को दांव पर लगाने जैसा है।

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हू कि विकास वही है जो प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चले, न कि उसे कुचलकर आगे बढ़े। यदि अरावली की पहाड़ियाँ काटी गईं, तो यह सिर्फ़ पर्यावरण का नहीं, बल्कि मानवता का नुकसान होगा। आने वाली पीढ़ियाँ इस विनाश के लिए जिम्मेदारों को कभी माफ़ नहीं करेंगी। अरावली की रक्षा सिर्फ़ प्रकृति की लड़ाई नहीं, यह जीवन, भविष्य और उत्तर भारत की सुरक्षा की लड़ाई है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।