देहरादून। नेता प्रतिपक्ष यश पाल आर्य ने परिवहन विभाग के निजी फिटनेस सेंटरों पर हो रही वसूली को लेकर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पहले स्थानीय आरटीओ कार्यालय में ही फिटनेस की प्रक्रिया आसानी से हो जाती थी, लेकिन अब यह काम निजी हाथों में जाने से वाहन मालिकों को अन्य शहरों तक जाना पड़ रहा है। यहां लोगों से निर्धारित फीस से तीन गुना तक उगाही की जा रही है।
संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव
यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड में परिवहन विभाग के निजी फिटनेस सेंटरों पर जमकर वसूली की जा रही है। यहां लोगों से निर्धारित फीस से तीन गुना तक उगाही की जा रही है इतना ही नहीं, यह कार्य एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया है, जो अपनी मनमानी से शुल्क वसूल रही है। वाहन चालकों का कहना है कि कोई निर्धारित मानक या प्रक्रिया नहीं है और संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है और छोटे वाहन चालकों को मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
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निजी वाहन स्वामियों में आक्रोश व्याप्त
यशपाल आर्य ने बताया कि अचानक और अत्यधिक बढ़ोतरी से व्यावसायिक और निजी वाहन स्वामियों के बीच व्यापक चिंता और आक्रोश व्याप्त है ।वाहन मालिक चाहते हैं कि फिटनेस की प्रक्रिया फिर से सरकार के अधीन हो और उनके स्थानीय सुविधा को बहाल किया जाए। कई जगहों पर पहले स्थानीय आरटीओ कार्यालय में ही फिटनेस की प्रक्रिया आसानी से हो जाती थी, लेकिन अब यह काम निजी हाथों में जाने से वाहन मालिकों को अन्य शहरों तक जाना पड़ रहा है।
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इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा
फिटनेस के लिए दूसरे शहर जाने का मतलब है डीजल-पेट्रोल का अतिरिक्त खर्च और पूरे दिन का समय बर्बाद होना। व्यावसायिक परिवहन स्वामियों और निजी वाहन स्वामियों के लिए गम्भीर आर्थिक बोझ पड़ने से आमजन के लिए परिवहन अधिक महंगा हो जाएगा और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। पहले से ही टोल, टायर, ईंधन आदि की बढ़ती कीमतों से परिचालन लागत बढ़ने से ट्रेड अस्थिर हो चुका है।सरकार को प्रस्तावित निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए,इसे वापिस लेना चाहिए,अन्यथा स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। जिससे अर्थव्यवस्था और आपूर्ति शृंखला पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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