देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राजकीय शिक्षक संघ के मांगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मुख्य मांगें शत-प्रतिशत पदोन्नति, प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का निरस्तीकरण, और वार्षिक स्थानांतरण सहित 30 सूत्रीय मांगें हैं। सरकार शिक्षक संघ की सभी न्यायोचित मांगों पर शीघ्र एवं सकारात्मक निर्णय लिया जाए। सरकार की हठधर्मिता के कारण सभी प्रभारी प्रधानाचार्यों ने अपना प्रभार त्याग दिया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है ।

शिक्षक संघ की मांग का मेरा समर्थन

यशपाल आर्य ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि बाजपुर कैंप कार्यालय पर शिक्षक संघ ने ज्ञापन सौंपा। में राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड द्वारा रखी गई न्यायोचित मांगों का मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ। शिक्षकों की मुख्य मांगें शत-प्रतिशत पदोन्नति, प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का निरस्तीकरण, और वार्षिक स्थानांतरण सहित 30 सूत्रीय मांगें हैं । वर्तमान में 5% से भी कम विद्यालयों में प्रधानाचार्य कार्यरत हैं, और अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। सरकार की हठधर्मिता के कारण सभी प्रभारी प्रधानाचार्यों ने अपना प्रभार त्याग दिया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है ।

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आंदोलन शिक्षकों के मान-सम्मान से जुड़ा

नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा कि यह आंदोलन अब शिक्षकों के मान-सम्मान और स्वाभिमान से जुड़ गया है, और शिक्षक आमरण अनशन जैसे कड़े कदम उठाने के लिए तैयार हैं। यह आंदोलन उत्तराखंड भर में फैल चुका है, जिसमें शिक्षकों की हड़ताल के कारण उत्तराखंड बोर्ड की सुधार उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन ठप पड़ा है, जिससे लगभग 19,000 छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है । लेकिन सरकार ने अभी तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई है| मैं राज्य सरकार से अपेक्षा करता हूँ कि शिक्षक संघ की सभी न्यायोचित मांगों पर शीघ्र एवं सकारात्मक निर्णय लिया जाए।