देहरादून. उत्तराखंड छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने एक बार फिर बेहतरीन प्रदर्शन किया है. अब तक आए नतीजों के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर कॉलेजों में एबीवीपी ने जीत दर्ज की है. नामांकन प्रक्रिया के बाद ही 27 कॉलेजों में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे, जो संगठन की जमीनी ताकत का स्पष्ट संकेत है.

डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में ऋषभ मल्होत्रा और एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में महिपाल बिष्ट की जीत ने प्रदेश की सबसे बड़ी शैक्षणिक संस्थाओं में भगवा परचम लहराया है. शुद्धोवाला डोईवाला, ऋषिकेश, करणप्रयाग, श्रीनगर, खटीमा और कोटद्वार जैसे प्रमुख कॉलेजों में भी एबीवीपी का कब्जा साबित करता है कि छात्रों ने संगठन की कार्यशैली और मुद्दों पर विश्वास जताया है.

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80% विद्यालयों में ABVP ने बाजी मारी है. कुल 51 अध्यक्ष ABVP से विजयी हुए हैं. 41 महासचिव पद पर ABVP ने कब्जा किया है. 48 उपाध्यक्ष पद ABVP के पास हैं. इसके अलावा 48 कोषाध्यक्ष, 47 सह सचिव पद, 46 विश्वविद्यालय प्रतिनिधि, 8 सांस्कृतिक सचिव पद पर ABVP ने कब्जा कर लिया है.

ये संगठन लंबे समय से पारदर्शी परीक्षाओं, बेहतर शैक्षणिक माहौल और छात्र हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रहा है. यही कारण है कि छात्रों ने राष्ट्रहित और छात्रहित से जुड़े पैनल को प्राथमिकता दी. कॉलेज चुनावों के नतीजों ने साबित किया कि छात्र समुदाय सरकार और एबीवीपी के पक्ष में खड़ा है. यह परिणाम प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिशों के खिलाफ एक करारा जवाब माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उत्तराखंड की छात्र राजनीति में एबीवीपी की यह जीत भविष्य की दिशा तय करेगी. कुल मिलाकर, छात्रसंघ चुनावों में एबीवीपी की ऐतिहासिक जीत इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड का युवा वर्ग राष्ट्रवादी विचारधारा और पारदर्शी शासन प्रणाली के साथ खड़ा है.