देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटकर गिरने से ऋषि गंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई. इस सैलाब से इलाके में भारी तबाही मच गई. इसमें कई लोग बह गए. 14 लोगों के शव बरामद किये गए हैं. बताया जा रहा है कि 152 लोग अभी भी लापता हैं. इस आपदा से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है. प्रोजेक्ट पर काम कर रहे करीब 100 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. सोमवार सुबह एक बार फिर से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. राहत कार्य के लिए सेना के 100, आईटीबीपी के 315, एनडीआरएफ के 250 जवानों को लगाया गया.

एसडीआरएफ के अनुसार, ग्लेशियर टूटने की घटना रविवार सुबह 10: 50 बजे जोशीमठ से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित रैणी गांव के करीब हुई. ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया. जिस पर एसडीआरएफ की पांच टीमों को तत्काल जोशीमठ रवाना किया गया. साथ ही श्रीनगर, ऋषिकेश, जोशीमठ में टीमों को अलर्ट स्थिति में रखा गया. हादसे की वजह से रैणी गांव के पास बीआरओ का लगभग 90 मीटर लंबा पुल भी आपदा में बह गया.

भारतीय वायुसेना ने हवाई निरीक्षण के बाद दी अपनी शुरुआती रिपोर्ट में बताया है कि सैलाब से तपोवन बांध पूरी तरह बह गया है. तपोवन सुरंग से 16 लोगों को निकाला गया है. मलारी वैली और तपोवन के एंट्रेंस पर दो पुल भी हादसे में बह गए हैं. जोशीमठ से तपोवन के बीच की मुख्य सड़क बच गई है.