रायपुर. माघ के महीने में उत्तरायण सूर्य प्रबल होता है. इससे आरोग्य, एकाग्रता और यश की प्राप्ति होती है. उत्तरायण के सूर्य की पूजा, किसी पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य को अर्ध्य देने और सूर्य मंत्र का जाप करने साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है.
पद्मपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार भगवान श्रीहरि व्रत, दान एवं तपस्या से भी ज्यादा माघ मास में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से प्रसन्न होते हैं. इस माह प्रतिदिन पूजा पाठ करना चाहिए, किंतु रविवार को नदी स्नान के साथ सूर्य पूजा करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है और भक्तों पर सदैव श्रीहरि का आशीर्वाद बना रहता है. साथ ही भगवान कृष्ण को पीले फूल व पंचामृत अर्पित कर मधुराष्टक का पाठ करें.
मान्यता के अनुसार इस महीने भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस समय खाने में नैसर्गिक मिठास की प्रधानता होती है. इसलिए मीठी चीजों से परहेज करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. माघ के महीने में एक समय भोजन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभप्रद होता है. जरूरतमंद व्यक्ति व ब्राम्हणों को दान करने का विशेष महत्व है.
मान्यता है कि उत्तरायण के बाद प्रथम रविवार को दान पुण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण होता है. ऐसे में इस महीने किसी पात्र व्यक्ति या ब्राम्हणों को दान करें. सूर्य के प्रकाश में तप बढ़ने लगता है, ऐसे में इस समय अपने खानपान व दिनचर्या में बदलाव करें. इस दौरान हल्का व सुपाच्य भोजन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.
उत्तरायण के सूर्य के लिए सूर्य की पूजा में सूर्य को अर्ध्य देना, ओम घृणि सूर्याय नमः का जाप करें, साथ ही नारियल के लड्डू और पंजीरी का प्रसाद वितरित करने से यश और आरोग्य की प्राप्ति होती है.