Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को निकालने का आज 17 वां दिन है. टनल में कैद मजदूरों को सकुशल निकालने के लिए कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अब मैन्युअल ड्रिलिंग की जा रही है. इस बीच बड़ी अपडेट आई है कि अब 7 से 8 मीटर की दूरी बची हुई है. उम्मीद है कि 24 घंटे के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है और पाइप को धकेलने के लिए बरमा मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है. ऑगर मशीन के खराब हो जाने के बाद अब हाथ से खुदाई करने का फैसला किया गया था.

मलबे की आखिरी 10-12 मीटर की हाथ से हो रही सफाई

मजदूरों को सुराग से निकालने के लिए ‘रैट हॉल माइनिंग’ एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है, जो सुरंग में मलबे को हाथ से साफ कर रहे हैं. अगर कहीं सरिया या गर्डर या अन्य प्रकार की मुश्किलें आयीं तो मशीन से उसे काटा जाएगा और फिर मशीन से पाइपों को अंदर डाला जाएगा. सुरंग के मलबे के आखिरी 10-12 मीटर की हाथ से सफाई हो रही है.
‘रैट हॉल माइनिंग’ एक्सपर्ट्स से पहले मलबे को साफ करने का काम ऑगर मशीन के जरिए किया जाना था. मगर इसके फंसने के बाद दूसरे विकल्पों की तलाश की गई. मजदूरों तक पहुंचने के लिए की जाने वाली 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग में से 40 फीसदी काम पूरा हो गया है.

मजदूरों को 6 इंच की पाइप के सहारे खिलाया जा रहा खाना

सुरंग में फंसे हुए लोगों को घर का बना हुआ खाना, पानी और दवाओं की लगातार सप्लाई की जा रही है. इसके लिए 6 इंच की पाइप का सहारा लिया जा रहा है, जिसे मलबे के बीच से होते हुए मजदूरों तक पहुंचाया गया है. वर्टिकल ड्रिलिंग पूरा होने के बाद 41 मजदूरों को एयरलिफ्ट किया जाएगा और उन्हें नजदीकी मेडिकल फैसिलिटी में लेकर जाया जाएगा, जहां उनका इलाज होगा.