रायपुर- छत्तीसगढ़ में होने वाले मीजल्स- रूबेला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी धर्म गुरुओं, समुदायों और जनजातीय नेताओं के प्रमुखों ने राज्य में आगामी एम-आर टीकाकरण अभियान के लिए अपना समर्थन आज एक सम्मेलन में दिया. यह सम्मेलन आज यूनिसेफ द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से रायपुर में आयोजित किया गया था. इस सम्मलेन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य में एक सफल एम.आर टीकाकरण अभियान चलाने के लिए विभिन्न हितधारकों की भागीदारी सुनिश्ति करने के लिए आयोजित किया गया था.
कार्यक्रम में चर्चा करते हुए विभिन्न धर्मों के धार्मिक प्रमुख, समुदायों के प्रमुख और जनजातीय प्रमुखों ने टीकाकरण के लिए अपनी एकजुटता व्यक्त की और अपने गांवों और आस-पास के इलाकों में ऍम-आर से सम्बंधित संदेश फैलाने और प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया. इस बैठक का एक अहम् उद्देश्य एम. आर टीका के महत्व पर धार्मिक एव सामुदायिक प्रमुखों को जानकारी देने के लिए तथा ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में इस टीके की स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए था.
बैठक में भाग लेने वालों में प्रमुख रहे रामकृष्ण मिशन के स्वामी डॉ वरिष्ठानंदा पुरी, ब्रह्मा कुमारिज की कमला बेहेनजी, फ़ादर जॉन जेवियर, प्रिंसिपल, सेंट जोसेफ स्कूल, डायओसिस ऑफ़ रायपुर, रेव. सिजू जॉर्ज, मारथॉम चर्च, रायपुर, मुफदलाल अज़ीज़, सदस्य, बोहरा समुदाय, तथा मोहम्मद अयूब खान, मदरसा प्रिंसिपल. साथ ही साथ 35 से अधिक समुदायों और जनजातीय गांवों के प्रमुख शामिल हुए, विशेषतः बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों के समुदायों से.
इस अवसर पर बोलते हुए, छत्तीसगढ़ के यूनिसेफ कार्यालय के चीफ, फील्ड ऑफिस, प्रशांता दाश ने धार्मिक नेताओं, समुदाय के प्रमुखों और आदिवासी नेताओं द्वारा राज्य में खसरा और रूबेला के लिए हर बच्चे को टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य के कठिन क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों तक पहुंचने में धार्मिक नेता और जनजातीय प्रमुखका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.
छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव निहारिका बरीक सिंह ने बताया कि इस अभियान की सफलता के लिए विभाग अच्छी तरह से तैयार है और टीकाकरण के लिए सब तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि बस्तर में भी बच्चों को टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
बातचीत के दौरान, छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि सभी फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स, जो ब्लाक और जिला स्तर पर कार्य कर रहे हैं उन्हें हर प्रकार की ट्रेनिंग दी जा चुकी है जिससे कि हर बच्चे तक पहुंचा जा सके. उन्होंने सरकारी विभाग की पहल पर जागरूकता फैलाने में धार्मिक नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी दोहराया.
इस महीने के पहले सप्ताह के दौरान टीकाकरण अभियान शुरू किया जाना है. 9 महीने से 15 वर्ष की उम्र के हर बच्चे को एमआर टीका दिया जाना चाहिए. राज्य में 80 लाख से अधिक बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण बच्चों को आसानी से रोकने योग्य और संभावित रूप से घातक बीमारियों से बचाने के लिए सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है.
यूनिसेफ जागरूकता, दक्षता और टीका की स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के लिए मीडिया, सामाजिक संगठनात्मकता और कोल्ड चैन प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को सक्रिय रूप से समर्थन दे रहा है. डब्ल्यूएचओ (WHO), यूएनडीपी (UNDP), लायंस क्लब और अन्य एजेंसियां भी टीकाकरण अभियान का हिस्सा हैं.