वैशाख मास हिन्दू पंचांग का दूसरा मास होता है, जो चैत्र पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। इसकी शुरुआत 13 अप्रैल (रविवार) से होगी और मास की समाप्ति 12 मई (सोमवार) को होगी। इसे धर्म, दान और स्नान का महीना माना जाता है। इस मास में सूर्य की किरणें विशेष रूप से प्रभावी होती हैं और धार्मिक कार्यों का अत्यंत महत्व होता है। यह माह पुण्य प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
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वैशाख माह के प्रमुख व्रत और त्योहार
- वैशाख अमावस्या – 27 अप्रैल (रविवार)
पितृ तर्पण, दान और स्नान का विशेष महत्व। - परशुराम जयंती – 29 अप्रैल (मंगलवार)
भगवान परशुराम का जन्मोत्सव, त्रेता युग के महान योद्धा की स्मृति में। - अक्षय तृतीया – 30 अप्रैल (बुधवार)
किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए सर्वोत्तम दिन। विवाह, खरीदारी, जप-तप के लिए अत्यंत शुभ। - गंगा सप्तमी – 3 मई (शनिवार)
माँ गंगा के अवतरण की तिथि। गंगा स्नान और पूजा का अत्यंत पुण्यदायक दिन। - नृसिंह जयंती – 11 मई (रविवार)
भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की जयंती, भक्त प्रह्लाद की रक्षा हेतु अवतरण। - वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) – 12 मई (सोमवार)
भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण दिवस। इसी दिन वैशाख मास का समापन भी होता है।
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