भागती दौड़ती इस जिंदगी में अपने शरीर के लिए कुछ वक्त निकालना बहुत जरूरी है. आज के समय में सबकी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि लोगों को कई तरह की बीमारी जकड़ रही है और ऐसे में बहुत जरुरी है अपने जीवन में योग को अपनाना.
योगासन ना सिर्फ शरीर को एक्टिव बनाए रखता है, बल्कि इसकी आदत आपको हर तरह की बीमारियों के खतरे से सुरक्षित रखने में भी सहायक है. वज्रासन योग युवा से लेकर बुजर्ग तक, हर कोई आसानी से करके स्वास्थ्य लाभ पा सकता है. वज्रासन योग शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने वाला अभ्यास माना जाता है. आइए इसके फायदों के बारे में जानते हैं.

वज्रासन योग का अभ्यास काफी सहज और शरीर के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. इसे सभी उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं. इस योग के अभ्यास के लिए सबसे पहले घुटने टेक कर बैठें और पैरों के निचले हिस्से को पीछे की ओर फैलाएं. अपनी एड़ियों पर बैठें फिर कमर और सिर को सीधा रखें. अब आंखें बंद करके सांसों पर ध्यान दें. शांत मुद्रा में इस योग के अभ्यास को अपनी क्षमता के अनुसार 10-15 मिनट तक किया जा सकता है.

वज्रासन योग के लाभ

वज्रासन योग, पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने, पेट से संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है. अग्न्याशय को स्वस्थ रखने, कमर के आसपास की चर्बी को कम करने के लिए भी वज्रसान योग को फायदेमंद माना जाता है. इस योग के और भी कई लाभ हैं, जैसे-

  • मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है.
  • पेट की अम्लता और गैस को कम करता है.
  • घुटने के दर्द को दूर करने में मददगार है.
  • जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.
  • पीठ दर्द से राहत दिलाने में मददगार.
  • मूत्र संबंधी समस्याओं का इलाज.
  • पेट के निचले हिस्से में रक्त संचार बढ़ाता है.
  • मोटापा कम करने में सहायक.

ये सावधानियां हैं जरुरी

वैसे तो वज्रासन योग का नियमित अभ्यास शरीर के लिए कई तरह से लाभदायक माना जाता है, हालांकि कुछ स्थितियों में विशेषज्ञ इसे ना करने की सलाह देते हैं. जिन लोगों को घुटने की समस्या है, हाल ही में घुटने की सर्जरी हुई है या फिर जिन्हें रीढ़ की हड्डी में समस्या है, उन्हें इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए. आंत के अल्सर, हर्निया या आंतों की किसी अन्य समस्या के शिकार लोगों को वज्रासन योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए.

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