नई दिल्ली . दिल्ली की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू नहीं होने से मौजूदा वाहन नीति की वैधता 30 जून को फिर खत्म हो गई है. इसके साथ दिल्ली में 1 जुलाई से पंजीकृत होने वाले नए इलेक्ट्रिक वाहनों को अब सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा.

दिल्ली में कुल पंजीकृत होने वाले नए वाहनों में 11 फीसदी से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन हैं. इनमें दुपहिया की संख्या सबसे अधिक है.

दिल्ली सरकार की मौजूदा ई-वाहन नीति 8 अगस्त 2023 को खत्म हो चुकी है. उसके बाद से इसे 4 बार विस्तार मिल चुका है. आखिरी बार मार्च से 3 माह के लिए 30 जून 2024 तक का विस्तार मिला था. अब 30 जून बीत गया है, लेकिन नई ई-वाहन नीति फिर लागू नहीं हो सकी है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मौजूदा वाहन नीति को विस्तार तो दिया जा सकता है, लेकिन वित्तीय लेनदेन लागू होने के कारण कैबिनेट मंजूरी जरूरी है. वर्तमान में मुख्यमंत्री की उपलब्धता नहीं होने के कारण बिना कैबिनेट विस्तार नहीं दिया जा सकता है.

दिल्ली में इस बार 30 जून तक कुल 3.33 लाख से अधिक नए वाहनों का पंजीकरण हुआ है, जिनमें 38 हजार 338 वाहन इलेक्ट्रिक हैं. जून में ही पंजीकृत 47 हजार वाहनों में 3992 इलेक्ट्रिक हैं. सरकार ई-वाहन नीति के तहत दुपहिया वाहनों पर 5000 रुपये प्रति किलोवाट (बैट्री क्षमता) के हिसाब से अधिकतम 10 हजार रुपये की सब्सिडी देती है. इसी तरह ई-रिक्शा, ई-ऑटो पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है. 4 पहिया वाहनों पर अधिकतम 30 हजार रुपये की सब्सिडी थी, जो कि पहले 1 हजार वाहनों पर ही लागू था.