वंदे भारत और बदलता समाज: नागपुर से बिलासपुर के बीच शुरू हो रही वंदे भारत ट्रेन को आज प्रधानमंत्री नागपुर से हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है. रेल मंत्री क्या करेंगे नहीं मालूम. टाइम टेबल के मुताबिक सेमी हाईस्पीड यह ट्रेन दोपहर 12•20 बजे राजनांदगांव आई. पहले इस ट्रेन का यहां स्टॉपेज नहीं दिया गया था.

सांसद संतोष पांडे ने आनन-फानन मे रेल मंत्री से मुलाकात कर अपने संसदीय मुख्यालय में इस गाड़ी का स्टॉपेज स्वीकृत कराया. पिछले दो दिनों से उनकी इस उपलब्धि का बखान करते हुए सोशल मीडिया और लोकल अखबार भरे पड़े हैं. बावजूद इसके कि इस मार्ग की सवारी गाड़ियां, जिसमें मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं. ये सभी घंटों देरी से चल रही हैं.

कभी भी मनमाने तरीके से बड़ी संख्या में ट्रेनों को महीने भर के लिए रद्द कर दिया जाता था, तब सांसद महोदय ने जनता को हो रही तकलीफ के लिए आवाज नहीं उठाई, कभी रेलमंत्री से मुलाकात नहीं की, लेकिन रेलवे की मनमानी झेल रही पब्लिक आज खुश है. सांसद महोदय का आभार मान रही है.

130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली इस ट्रेन का स्वागत करने आज पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, सांसद संतोष पांडे और महापौर हेमा देशमुख के साथ लोगों का हुजूम राजनांदगांव स्टेशन पर मौजूद रहा. इस ट्रेन से राजनांदगांव से रायपुर का किराया 440 रूपया और एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 825 रूपया है. इसी तरह नागपुर के लिए 785 और 1460 रूपये लगेंगे.

जाहिर है स्टेशन पर उमड़ने वाली तमाशबीन पब्लिक में ज्यादातर वे लोग होंगे, जो इतना महंगा किराया देकर इस ट्रेन में सफर करने का सोच भी नहीं पाएंगे, लेकिन ऐसे लोग अपनी तकलीफ पर रोष जताने के बजाय सांसद या पूर्व मुख्यमंत्री के साथ फोटो और सेल्फी में मुग्ध नजर आएंगे.

पहले से चल रही ट्रेनें घंटों देरी से चले, रद्द हो जाए या फिर कोरोना काल से पैसेंजर ट्रेनों का किराया एक्सप्रेस का ही अब तक बदस्तूर वसूला जाए. जनता ने सवाल करना और आक्रोश जताना छोड़ दिया है. सरकारों के लिए यह वाकई सुविधाजनक समय है. उनकी हर मनमानी पर जनता नाराज नहीं होती, उल्टे खुश होती है, थैंक्यू बोलती है.

वंदे भारत भी इसी की आत्ममुग्ध अभिव्यक्ति है- संजय अग्रवाल

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