Rajasthan News: विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर राजस्थान में जल संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य राज्यभर में पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण, वर्षा जल संचयन और जन सहभागिता के माध्यम से जल संकट को दूर करना है।

रामगढ़ बांध पर श्रमदान, पसीने से बनेगा जल भंडार
जयपुर के रामगढ़ बांध पर आयोजित श्रमदान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सब आज यहां एक संकल्प के साथ जुटे हैं। जो पसीना हम आज बहा रहे हैं, वह भविष्य में जल रूपी अमृत बनकर प्रदेशवासियों के जीवन में नई ऊर्जा भरेगा।” उन्होंने कहा कि वंदे गंगा अभियान केवल सरकार की पहल नहीं, बल्कि यह जन-आंदोलन बनना चाहिए, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।
एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधारोपण
मुख्यमंत्री ने जमवारामगढ़ में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सिंदूर का पौधा रोपा। इस दौरान वन राज्य मंत्री संजय शर्मा ने तुलसी का पौधा भेंट कर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि, पर्यावरणविद् और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
यह अभियान प्रदेश का अपना अभियान है- CM भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से जल स्रोतों, नदियों, तालाबों और जलधाराओं की पूजा करने और उनके संरक्षण के लिए श्रमदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह अभियान बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है, ताकि लोगों को जल संरक्षण के कार्यों से जोड़ा जा सके।
जलापूर्ति के लिए सरकार के अहम कदम
राजस्थान में जल संकट की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार बीते डेढ़ साल में जल आपूर्ति को लेकर कई ठोस फैसले ले चुकी है। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, देवास, माही बांध और सोम-कमला-अंबा जैसी परियोजनाएं राज्य में जल संचयन को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य राजस्थान को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
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