गरियाबंद। वनधन योजना के तहत जिला यूनियन गरियाबंद के प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों में लघु वनोपज का संग्रहण कार्य प्रारंभ कर दिया है. गरियाबंद जिला वनों से आच्छादित जिला है. जिले में कुल भौगोलिक क्षेत्र के 50% क्षेत्र वनों से आच्छादित है. गरियाबंद जिले में तेन्दूपत्ता, सालबीज, हर्रा, लाख, चिरौजी आदि वनोपज प्रचुर मात्रा में होता है. माह सितंबर में जिला यूनियन के अंतर्गत आने वाले हाट बाजारों का सर्वेक्षण कर यह पता लगाया गया था कि गरियाबंद में कितनी मात्रा में लघु वनोपज का उत्पादन होता है ? इस सर्वेक्षण में यह पता लगा कि गरियाबंद जिले में अनुमानित 50 करोड़ रूपये के लघु वनोपज का उत्पादन होता है, जिसमें से अब तक केवल नगण्य मात्रा में ही लघु वनोपज का संग्रहण जिला यूनियन द्वारा किया जाता था जबकि लगभग संपूर्ण मात्रा का क्रय स्थानीय व्यापारी द्वारा किया जाता था. अब शासन की मंशानुसार गरियाबंद जिला यूनियन द्वारा लघु वनोपज की अधिकाधिक मात्रा क्रय करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित लघु वनोपज का उचित मूल्य प्राप्त हो तथा वनांचल में उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके.

इस योजनान्तर्गत जिला यूनियन गरियाबंद में कुल 4 वनधन विकास केन्द्र स्वीकृत किया गया है. जिनके अंतर्गत आने वाले 28 हाट बाजार तथा 216 ग्राम में लघु वनोपज का क्रय केन्द्र खोलकर लघु वनोपज क्रय किया जाएगा. इस वर्ष जिला यूनियन गरियाबंद द्वारा लगभग 10 करोड़ रूपये मूल्य का लघु वनोपज क्रय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यह वनोपज जिले के पूर्व से गठित (राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत) स्व सहायता समूह के माध्यम से क्रय किया जाएगा तथा संग्राहकों को उनके खाते में राशि अंतरित कर भुगतान किया जाएगा. गत एक माह से विभिन्न चरणों में इन स्व-सहायता समूह की महिलाओं तथा कर्मचारियों को वनधन योजना के तहत वनोपज क्रय किए जाने की पूरी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हाट बाजार में वर्तमान सीजन में आने वाले चरौटा बीज, कालमेघ, हर्रा, बहेड़ा तथा माहुल पत्ता का क्रय स्व-सहायता समूहों द्वारा हाट बाजार में क्रय केन्द्र चालू करके कर दिया गया है. आने वाले सीजन के लघु वनोपज में से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सहमति दिए गए 22 लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तथा अन्य वनोपज जिसका संघ मुख्यालय द्वारा क्रय दर निर्धारित किया जाएगा की खरीदी इन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा की जाएगी. लघु वनोपज की खरीदी की प्रक्रिया में स्व-सहायता समूह को मदद करने हेतु प्रत्येक हाट बाजार में तथा वन धन विकास केन्द्र में प्रेरक नियुक्त किए गए है. ये प्रेरक स्व-सहायता समूह को लघु वनोपज क्रय, परिवहन तथा प्रसंस्करण में मदद करने के साथ ही स्थानीय लोक सेवा केन्द्र में क्रय किए गए वनोपज की जानकारी इन्द्राज करने का कार्य भी करेंगे.

गरियाबंद जिला यूनियन के 70 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधक इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इनके द्वारा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा क्रय हेतु सहमति दिए गए 22 लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रत्येक हाट बाजार में प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित लघु वनोपज कोई न्यूनतम दर से कम पर न क्रय कर सके.