नई दिल्ली। पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नवनियुक्त कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित की आलोचना करते हुए उनकी नियुक्ति को ‘औसत दर्जे का’ बताया, जो मानव पूंजी और युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचा सकती है। वरुण गांधी की टिप्पणी पंडित द्वारा सोमवार को जेएनयू वीसी के रूप में नियुक्ति के बाद जारी प्रेस बयान के मद्देनजर आई है, जिसमें भाजपा नेता को व्याकरण की गलतियां मिली थीं।
JNU की पूर्व छात्रा ‘प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित’ बनीं जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति
वरुण गांधी ने मंगलवार सुबह एक ट्वीट में कहा, “नए जेएनयू वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति निरक्षरता की एक प्रदर्शनी है, जो व्याकरण संबंधी गलतियों से भरी हुई है। इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं।” पंडित को शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को जेएनयू की पहली महिला वीसी नियुक्त किया।
कई भाषाओं की ज्ञाता हैं नई वीसी शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित
रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जन्मी पंडित अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मराठी, हिंदी, संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और कोंकणी में पारंगत हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा चेन्नई में की और राज्य में टॉप किया। उसने बीए भी किया था। 1983 में चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से इतिहास और सामाजिक मनोविज्ञान में और कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से सामाजिक कार्य में डिप्लोमा किया। पंडित गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं।
स्कूली शिक्षा चेन्नई से हुई, राज्य में प्रथम स्थान मिला था प्रोफेसर शांतिश्री को
प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी ने स्कूली शिक्षा चेन्नई से ली, जिसमें उन्होंने राज्य में प्रथम रैंक हासिल किया था। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से सामाजिक कार्य में डिप्लोमा, बीए इतिहास और सामाजिक मनोविज्ञान में 1983 प्रेसीडेंसी कॉलेज, मद्रास से किया। वह यूनिवर्सिटी में फर्स्ट रैंक और स्वर्ण पदक विजेता थीं। प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने 1985 में पोस्ट ग्रेजुएशन एमए राजनीति विज्ञान प्रेसीडेंसी कॉलेज से किया। प्री डॉक्टरल डिग्री एम फिल इन इंटरनेशनल रिलेशंस पेपर्स एंड रिसर्टेशन 1986 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से किया। डॉक्टरेट पीएचडी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में संसद और विदेश नीति में थीसिस भारत नेहरू वर्ष जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, स्कूल आफ अंतर्राष्ट्रीय संबंध से किया है।
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जामिया और जेएनयू जैसे दो बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अब महिला कुलपति
शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय के बाद अब दिल्ली में के दो बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति का पद महिलाओं द्वारा सुशोभित किया जा रहा है। इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रोफेसर नजमा अख्तर को कुलपति बनाया गया था। वहीं अब प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को जेएनयू का कुलपति बनाया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इससे पहले 4 फरवरी को लिए गए एक अहम निर्णय में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार को यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन का चेयरमैन नियुक्त किया था। प्रोफेसर एम जगदीश कुमार को अगले 5 वर्षों के लिए यूजीसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
प्रोफेसर एम जगदीश को बनाया गया है यूजीसी का चेयरमैन, 2016 से जेएनयू में थे कुलपति
प्रोफेसर एम जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 से कुलपति थे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में उनका कार्यकाल बीते वर्ष 26 जनवरी 2021 को समाप्त हो चुका था। कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत उन्हें सेवा विस्तार प्रदान किया गया था। अब प्रोफेसर जगदीश कुमार को यूजीसी का चेयरमैन बनाया गया है। यूजीसी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा कि यूजीसी के अध्यक्ष के रूप में यह मेरे लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में हमारे देश के युवा दिमागों के लिए काम करने का एक शानदार अवसर है। मेरा तत्काल ध्यान राष्ट्रीय शिक्षा नीति का तेजी से कार्यान्वयन, उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने और उच्च शिक्षा को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अधिक समावेशी और सुलभ बनाने पर है। मैं देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों और प्रमुखों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।
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